उत्तराखंड: मोदी 3.0 के बजट से प्रदेश को खास इमदाद की दरकार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट पेश करेंगी। धामी सरकार जमरानी की तरह सौंग बांध परियोजना के लिए भी केंद्रीय इमदाद चाहती है।

मोदी 3.0 के पहले बजट से हिमालयी राज्य उत्तराखंड को भी खास उम्मीदें हैं। माना जा रहा कि बजट की दिशा अगले पांच साल के विकास के एजेंडे के आधार पर केंद्रित होगी, इसलिए इसमें कुछ नई योजनाओं के शुरू होने और ढांचागत, कौशल विकास, खेती बाड़ी और स्वरोजगार से संबंधित पहले से चली आ रही योजनाओं में प्रावधान बढ़ाए जाने की संभावना है।

इसका फायदा उत्तराखंड सरीखे राज्य को भी होगा। पेयजल और सिंचाई की समस्या का समाधान करने के लिए कुमाऊं और गढ़वाल में बनाई जा रही जमरानी और सौंग बांध परियोजना के लिए राज्य सरकार केंद्र से इमदाद चाहती है। जमरानी को वित्तीय पोषण के लिए पीएमकेएसवाई में शामिल कर लिया गया है, लेकिन सौंग बांध परियोजना के लिए राज्य सरकार कोशिशें सिरे नहीं चढ़ पाई है।

उत्तरकाशी तक रेल पहुंचाने की योजना
सरकार को केंद्रीय बजट में सौंग बांध परियोजना के लिए वित्तीय पोषण की गारंटी की दरकार है। राज्य सरकार चाहती है कि जिस तेजी से ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल पहुंचाने की योजना पर काम हो रहा है, ठीक वैसी ही तेजी केंद्र सरकार बागेश्वर और उत्तरकाशी तक रेल पहुंचाने की योजना में दिखाए।

इसके लिए प्रदेश सरकार ऋषिकेश-उत्तरकाशी और टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना में केंद्र से विशेष प्रावधान की उम्मीद कर रही है। चीन, तिब्बत और नेपाल की सीमाओं से सटे इलाकों को जोड़ने वाली ये रेल परियोजनाएं सिर्फ कनेक्टिविटी की ही नहीं सामरिक दृष्टि बेहद महत्वपूर्ण है।

पर्यटन राज्य को ढांचागत विकास में मदद की उम्मीद
राज्य को पर्यटन सेक्टर के ढांचागत विकास के लिए भी बजट में नए प्रावधान की दरकार है। खासतौर पर ग्रामीण और सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन, रोपवे परियोजनाएं और साहसिक खेल गतिविधियों में उत्तराखंड केंद्र से विशेष मदद चाहता है।

लैंड स्लाइड ट्रीटमेंट के लिए शोध संस्थान खुले
उत्तराखंड समेत सभी हिमालयी राज्य भूस्खलन की समस्या का सामना कर रहे हैं। राज्य सरकार चाहती है कि क्रोनिक लैंड स्लाइड जोन के ट्रीटमेंट के लिए कोई अध्ययन केंद्र नहीं है, इसलिए राज्य में ही सीमांत जिले चमोली, पिथौरागढ़ या चंपावत में शोध संस्थान खोला जाए। इसके लिए केंद्रीय बजट में प्रावधान की उम्मीद की जा रही है।

फ्लोटिंग पापुलेशन के हिसाब तय हो इमदाद
पर्यटन और तीर्थाटन राज्य होने के कारण हर वर्ष उत्तराखंड में इसकी सवा करोड़ की आबादी से कई गुना अधिक करीब आठ करोड़ लोग यात्रा और सैर सपाटे के लिए आते हैं। राज्य सरकार को करोड़ों लोगों के लिए बुनियादी सुविधाएं जुटानी होती हैं, इसलिए सरकार केंद्रीय योजनाओं में वित्तीय प्रावधान फ्लोटिंग आबादी के हिसाब से चाहती है।

सीतारमण के बजट से ये उम्मीद भी

1-पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन में जुड़े हजारों कर्मचारी उम्मीद कर रहे कि केंद्रीय बजट में नई पेंशन योजना के लिए कर्मचारी हित में बदलाव हों।

2-प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की तरह जल जीवन मिशन योजना के कार्यों की मरम्मत के लिए केंद्रीय सहायता का प्रावधान हो।

3-एसडीआरएफ योजना में हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइन और वनाग्नि को भी शामिल किया जाए।

4-दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में जल विद्युत परियोजना में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए दो करोड़ प्रति मेगावाट की दर से 8000 करोड़ की वाइबिलिटी गेप फंडिंग (वीजीएफ) प्रावधान हो।

5-सामाजिक सुरक्षा के लिए वृद्धावस्था पेंशन में केंद्रांश 200 से बढ़ाकर 500 रुपये प्रतिमाह हो।

6-मनरेगा कार्यक्रम के तहत पर्वतीय राज्यों के लिए श्रम व सामग्री का 60 अनुपात 40 के स्थान पर 50 अनुपात 50 हो।

मोदी 3.0 सरकार का बजट 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को ध्यान में रखकर पेश होगा। ये अगले पांच साल के तेजी से हो रहे विकास की दिशा भी तय करेगा। हमने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष राज्य की अपेक्षाओं को लेकर अनुरोध किया है। हम आशा कर रहे कि बजट में जो प्रावधान होंगे, वे हिमालयी राज्य उत्तराखंड को 2025 तक अग्रणी राज्य बनाने में मददगार साबित होंगे। – प्रेमचंद अग्रवाल, वित्त मंत्री

प्रधानमंत्री मोदी का उत्तराखंड से विशेष लगाव है। हिमालयी राज्यों व विशेषकर उत्तराखंड को हमेशा सौगात मिलती रही है। इस बार भी सौगात मिलेगी। 2047 में विकसित भारत के संकल्प की झलक बजट में दिखाई देगी। यह बजट अगले पांच साल में विकास की दिशा तय करने वाला होगा। – पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com