उत्तराखंड में गर्मी का तांडव जारी, हल्द्वानी में पारा पहुंचा 41 पार

नैनीताल में उमस से स्थानीय लोगों के साथ पर्यटक भी परेशान होने लगे हैं। बुधवार को नैनीताल का अधिकतम पारा 30 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया जो बीते पांच वर्षों में इस तिथि को सबसे ज्यादा है। इस कारण पहाड़ में भी पंखे और कूलर की जरूरत पड़ने लगी है।

अप्रैल से जून तक गर्मी से राहत के लिए मैदानी क्षेत्र से लोग नैनीताल पहुंचते हैं। इस वर्ष तराई क्षेत्र के साथ पहाड़ों में भी गर्मी बढ़ने लगी है। इन दिनों उमस बढ़ने से नैनीताल में पंखे और फ्रिज चलने लगे हैं। बुधवार को नैनीताल का तापमान बढ़कर 30 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया जो सीजन में सबसे ज्यादा है। बीडी पांडे अस्पताल के पीएमएस डॉ. एमएस दुग्ताल ने बताया कि बढ़ती गर्मी के बीच लोग ज्यादा बीमार पड़ने लगे हैं। लोगों को जरूरी परामर्श दिया जा रहा है। 

बीते पांच सालों में 29 मई को नैनीताल का तापमान
2020 – अधिकतम तापमान 22 व न्यूनतम मापमान 13 डिग्री सेल्सियस
2021 – अधिकतम तापमान 24 व न्यूनतम मापमान 13 डिग्री सेल्सियस
2022 – अधिकतम तापमान 21 व न्यूनतम मापमान 14 डिग्री सेल्सियस
2023 – अधिकतम तापमान 20 व न्यूनतम मापमान 12 डिग्री सेल्सियस
2024 – अधिकतम तापमान 30 व न्यूनतम मापमान 21 डिग्री सेल्सियस

नौतपा के असर से तपा कुमाऊं
नौतपा के असर से कुमाऊं भी तप रहा है। मैदानी जिलों में पारा 40 डिग्री के पार रिकॉर्ड किया गया तो पर्वतीय जिलों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री से ऊपर है। बारिश के बाद भी तपिश कम नहीं हो रही है। बुधवार को भी उमस और गर्म हवाओं के थपेड़ों से लोग बेहाल रहे।

हल्द्वानी, रामनगर के साथ ही ऊधमसिंह नगर का तापमान 41 डिग्री पार रिकॉर्ड हुआ। वहीं बागेश्वर में 37, अल्मोड़ा में 33, पिथौरागढ़ में 31.2 डिग्री रहा। चंपावत शहरी क्षेत्र में दिन में थोड़ी देर बारिश हुई जिससे कुछ राहत मिली और तापमान 30 डिग्री दर्ज किया गया। नैनीताल में भी तापमान 30 डिग्री पहुंच गया है, जबकि भीमताल में 28 डिग्री और मुक्तेश्वर में अधिकतम तापमान 22 व न्यूनतम 15 डिग्री रहा।

जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विशेषज्ञ डाॅ. आरके सिंह ने बताया कि फिलहाल दो जून तक राहत मिलने के कोई आसार नहीं हैं। मैदानी क्षेत्रों में गर्म हवाएं चलेंगी। हालांकि पर्वतीय जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश रहने की संभावना है। इधर, बारिश की कमी और भीषण गर्मी की वजह से रामनगर की लीची की मिठास कम हो गई। इस बार यहां की लीची का आकार भी छोटा है। 

तापमान 41 डिग्री पार, डॉक्टर बता रहे ऐसे करें हालात का सामना
मई आखिरी में भीषण गर्मी के साथ लू भी बीमार कर रही है। ऐसे मौसम में खासकर बच्चों, वृद्धों और बीमार लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। इस मौसम में आयुर्वेद, एलोपैथिक और होम्योपैथ चिकित्सा के जरिये आप खुद को बीमार होने से बचा सकते हैं।

एसटीएच में मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. वीएन सत्यवली के अनुसार लू लगने पर अचानक तेज प्यास, बेहोशी छाने लगती है, ऐसे लक्षण पर तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। घर पर इलेक्ट्राल हमेशा रखें और नियमित सेवन करते रहें। अनावश्यक यात्रा से बचें और दिन में चार से पांच घंटे घर पर ही रहें। नारियल पानी, लस्सी, छांछ समेत तरल पदार्थ का सेवन लाभकारी है। लू लगने पर अपने आप दवा का सेवन न करें क्योंकि तेज बुखार चढ़ने पर सामान्य दवा काम नहीं आती है।

वरिष्ठ होम्योपैथ चिकित्सक डॉ.एसके शर्मा के अनुसार तेज गर्मी या लू लगने पर लगातार साफ पानी पीएं। घबराहट और बैचेनी होने पर आर्सनिक एलबम 30, उल्टी पर आईपीईसीओसी 30 और दस्त की समस्या पर क्रोटोन 30 राहत देती है। डॉक्टर की सलाह पर ही इन दवाओं का सेवन करें। आयुर्वेदाचार्य डॉ. विनय खुल्लर ने बताया कि गर्मी में सिर ढककर ही बाहर निकलें। बच्चों और वृद्ध लोगों को घर में ठंडी जगह या पंखे के पास रखें। तेज बुखार पर कोल्ड स्पजिंग करें। फास्ट फूड, लाल मिर्च और मैदे वाली चीजें न खाएं। बेहोशी या अन्य लक्षण दिखाई देने पर तुरंत अस्पताल पहुंचे।

क्या करें-

  • घर पर ओआरएस, इलेक्ट्राल, नींबू शिकंजी, नारियल पानी, छांछ का नियमित सेवन करें।
  • प्याज का सेवन ज्यादा करें। पानी को उबालकर पीयें।
  • आवश्यक हो तो सफेद कपड़े पहनें, कान और सिर ढककर निकलें।
  • बुखार होने पर ठंडे पानी का स्पंज करें।
  • खाने में हरी सब्जियां और मौसमी फलों को शामिल करें।

क्या न करें-

  • सुबह 11 बजे से दोपहर चार बजे तक घर पर ही रहें।
  • फास्ट फूड और मैदे से बने खाद्य पदार्थ न खाएं।
  • बच्चों को धूप में खेलने न जाने दें।
  • नल के पानी का सीधे सेवन न करें।
  • ज्यादा तेल और मसाले वाला भोजन न करें
  • गमी में हाई प्रोटीन फूड न खाएं।
  • बासी भोजन ही करें, इससे फूड प्वाइजनिंग का खतरा
  • तेज धूप से आकर तुरंत ठंडा पानी न पीएं।

गर्मियों में हल्के आहार और योग से बीमारियां होंगी नियंत्रित
गर्मियों में हाइपरटेंशन, बीपी और शुगर को दवाओं ही नहीं योगासन से भी काबू किया जा सकता। अनुलोम-विलोम समेत अन्य यौगिक क्रियाओं से शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है। योग एवं नेचुरोपैथी डॉ. संयोगिता सिंह के अनुसार प्रत्येक बीमारी के लिए अलग-अलग व्यायाम निर्धारित हैं। प्रतिदिन 15 से 20 मिनट का व्यायाम व्यक्ति को दिनभर चुस्त दुरस्त रख सकता है। पौष्टिक आहार और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी जरूरी है। शुगर नियंत्रण के लिए समय पर भोजन, फाइबर, प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ का सेवन करें।

हाइपरटेंशन, बीपी ऐसे करें नियंत्रित-

  • आसन- हाइपरटेंशन और बीपी नियंत्रण के लिए शवासन, शंशाकासन, सेतु बंध आसन, वज्रासन आदि।
  • प्राणायाम- अनुलोम-विलोम, शीतली प्राणायाम, शीतकारी प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम, नाड़ी शोधन, दीर्घश्वसन, मातंगी मुद्रा आदि।

गर्मी में शुगर नियंत्रण के उपाय-

  • आसन- भुजंगासन, मंडूक आसन, वज्रासन आदि
  • प्राणायाम- अनुलोम-विलोम, भ्रामरी और कपालभाति प्राणायाम।

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