प्रदेश में बिजली की मांग शुक्रवार को 4.9 करोड़ यूनिट तक पहुंच गई है। इसके सापेक्ष यूपीसीएल के पास राज्य, केंद्र व अन्य माध्यमों से कुल उपलब्धता 3.2 करोड़ यूनिट है।
उत्तराखंड में गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की मांग भी पांच करोड़ यूनिट के करीब पहुंच गई है। यूपीसीएल के लिए बाजार से रोजाना करीब डेढ़ करोड़ यूनिट बिजली का इंतजाम करना मुश्किल हो रहा है।
उधर, बिजली किल्लत के चलते हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर के ग्रामीण क्षेत्रों में कटौती शुरू हो गई है। प्रदेश में बिजली की मांग शुक्रवार को 4.9 करोड़ यूनिट तक पहुंच गई है। इसके सापेक्ष यूपीसीएल के पास राज्य, केंद्र व अन्य माध्यमों से कुल उपलब्धता 3.2 करोड़ यूनिट है। लिहाजा बाकी बिजली बाजार से खरीदनी पड़ रही है। यूपीसीएल रोजाना करीब 1.4 करोड़ यूनिट बाजार से खरीद रहा है।
इसके बावजूद बिजली की मांग पूरी करने में सांस फूल रही है। शुक्रवार को हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर के अलावा अन्य मैदानी ग्रामीण इलाकों में भी बिजली कटौती हुई। हालांकि, यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार का कहना है कि अभी स्थिति नियंत्रण में रखने का प्रयास चल रहा है। कटौती भी न के बराबर ही हो रही है।
उन्होंने बताया, अगर आने वाले समय में बिजली की मांग और बढ़ी तो थोड़ी परेशानी पैदा हो सकती है। उनकी टीम लगातार इंडियन एनर्जी एक्सचेंज, रियल टाइम मार्केट से बिजली खरीद कर रही है। बाजार में बिजली के दाम औसत 5.25 रुपये प्रति यूनिट तक आ रहे हैं।
पिछले साल मई में 4.8 करोड़ यूनिट तक डिमांड
पिछले साल मौसम ने यूपीसीएल का साथ दिया तो बिजली की मांग मई माह में काफी कम थी। मई के शुरुआती सप्ताह में बिजली की मांग तीन करोड़ यूनिट तक थी। पूरे महीने में एक-दो बार ही बिजली की मांग 4.8 करोड़ यूनिट तक गई थी, लेकिन इस बार मई के पहले तीन दिन में ही बिजली की मांग 4.9 करोड़ तक पहुंच गई है। मौसम ऐसा ही रहा तो आने वाले 10 दिन में मांग 5.5 करोड़ तक भी पहुंच सकती है।
निदेशक एमआर आर्य बने चारधाम के नोडल अफसर
यूपीसीएल प्रबंधन ने आगामी चारधाम यात्रा में सुचारू विद्युत आपूर्ति के लिए निदेशक परिचालन एमआर आर्य को नोडल अफसर बनाया है। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार के मुताबिक, आर्य सरकार के सभी विभागों से समन्वय स्थापित करते हुए धार्मिक स्थलों, पर्यटन स्थलों व यात्रा पड़ावों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराएंगे।