संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की एक अदालत ने बुधवार को जासूसी में एक ब्रिटिश छात्र को उम्रकैद की सजा सुनाई है। फैसले से हतप्रभ ब्रिटेन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि इससे दोनों देशों के संबंध खराब हो सकते हैं।
सुनवाई पांच मिनट से भी कम समय तक चली। इस दौरान उसका वकील भी मौजूद नहीं था। ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने कहा कि हेज को सुनाई गई सजा से मैं बेहद निराश और चिंतित हूं। हम मामले को अमीरात के साथ उठाते रहेंगे।
पांच मई को दुबई हवाई अड्डे से गिरफ्तारी के बाद से ही 31 वर्षीय पीएचडी छात्र मैथ्यू हेज खुद को निर्दोष बता रहा था। ब्रिटिश सरकार ने भी उसके मामले को शीर्ष स्तर तक उठाया था। हेज के परिवारिक प्रवक्ता ने कहा कि उसे उम्रकैद की सजा मिली है।
यूएई के अटॉर्नी जनरल हमद-अल-शमसी ने कहा था मैथ्यू हेज पर आरोप है कि वो विदेशी राष्ट्र के लिए जासूसी कर रहे थे। बताते चलें कि मैथ्यू साल 2011 के अरब स्प्रिंग क्रांति के बाद यूएई के विदेश और आंतरिक सुरक्षा नीतियों पर रिसर्च कर रहा था। उसे 5 मई को दुबई एयरपोर्ट से हिरासत में ले लिया गया था।
मैथ्यू की पत्नी डेनिएला तेजेडा ने उनकी गिरफ्तारी के बाद कहा था कि उसे (मैथ्यू) यूएई में किसी अज्ञात स्थान पर हिरासत में रखा गया था। उसे परिवार और कॉन्सुलेट से किसी तरह के संपर्क की इजाजत नहीं थी। तेजेडा ने ब्रिटेन की सरकार से अपील करते हुए कहा कि वो सार्वजनिक रूप से बयान दे कि मैथ्यू बेकसूर हैं और उस पर लगे आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है।
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