नई दिल्ली: लगातार दूसरी बार दुनिया का सबसे ताकतवर शख्स बनने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। बावजूद इसके अमेरिकी चुनाव के आखिरी राउंड में ट्रंप के मुकाबले जो बिडेन बाजी मारते नजर आ रहे हैं। कई सर्वे बिडेन के अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बनने की भविष्यवाणी कर चुके हैं। बहरहाल ये सारी बातें एक तरफ और ट्रंप दूसरी तरफ। ये बात पूरी दुनिया जानती है कि ट्रंप इतनी जल्दी हार मानने वालों में नहीं हैं।
चुनाव के आखिरी दौर के खत्म होने से करीब 48 घंटे पहले ट्रंप ने इस बात का इशारा कर दिया कि अगर चुनाव के नतीजे उनके पक्ष में नहीं आए तो वो अदालत में सकते हैं। ट्रंप सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की खुलकर आलोचना भी कर रहे हैं, जिसमें राष्ट्रपति चुनाव के वोटों की गिनती कई दिनों और कई राउंड में कराने का फैसला दिया गया। ट्रंप का मानना है कि इससे नतीजों में धांधली की आशंका बढ़ेगी।
अमेरिकी चुनावी सिस्टम के अनुसार, हर राज्य में वोटिंग की गिनती पूरी करने के लिए अलग-अलग तारीख फिक्स की गई हैं। लेकिन 8 दिसंबर तक सभी को वोटों की गिनती पूरी करनी है। ऐसे में पूरे नवंबर में अलग-अलग पोल में सामने आई तस्वीर, अंतिम नतीजे से अलग भी हो सकती है। 8 दिसंबर को इलेक्टर्स की गिनती पूरी हो जाएगी, जो बाद में 14 दिसंबर को राष्ट्रपति का चुनाव करेंगे।
मगर इन सबके बीच इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि ऐसा मुमकिन है कि हार के बावजूद ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति की गद्दी छोड़ने को तैयार ना हों। खुद ट्रंप पिछले कई सालों से इस बात का इशारा देते आए हैं।
इस बार 3 नवंबर इसलिए भी अलग होने जा रहा है, क्योंकि रिकॉर्ड वोट इलेक्शन डे से पहले ही डाले जा चुके हैं। Early Ballots Votes के तहत अमेरिका में चुनाव के दिन से पहले ही नौ करोड़ से अधिक लोग वोट डाल चुके हैं। 3 नवंबर को अमेरिकी लोग बैलेट के जरिए डेमोक्रेटिक या रिपब्लिकन उम्मीदवार पर अपनी मुहर लगाएंगे। सभी राज्यों को वोटों की गिनती 8 दिसंबर तक पूरी करनी है। मगर ट्रंप इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं।
ट्रंप के इसी रूख को देखते हुए माना जा रहा है कि वो आखिर तक नतीजों का इंतजार नहीं करने वाले। शुरुआती बढ़त मिलने के साथ ही वो 3 नवंबर की रात में ही अपनी जीत का ऐलान कर सकते हैं तो क्या ट्रंप चुनावी नतीजों से पहले ही एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति बनने की पटकथा लिख चुके हैं? इतना तो तय है कि ट्रंप हो या बिडेन किसी को भी अमेरिकन प्रेसीडेंट की कुर्सी आसानी से नहीं मिलने वाली।