चाइनीज कंपनियों को लेकर अमेरिका में हमेशा से बवाल रहा है। बीते साल जासूसी का आरोप लगाकर हुवावे पर अमेरिका में प्रतिबंध लगा दिया गया था, फिलहाल कुछ महीने बाद उसे हटा भी लिया गया। इसी दौरान हुवावे ने अपना ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार किया। इसके अलावा अब अमेरिकी सेना के शॉर्ट वीडियो एप टिक टॉक (Tik Tok) एप के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। इसके लिए पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक टिक टॉक एप से साइबर अटैक का खतरा है और इसके जरिए देश की जनता और सेना का जासूसी हो सकती है।

अमेरिका सेना के टिक टॉक इस्तेमाल पर बैन को लेकर अमेरिकी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल रॉबिन ओचोआ ने कहा कि सेना के टिकटॉक एप इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी गई है। यह प्रतिबंध शुरुआती तौर पर नेवी और रक्षा विभाग दोनों पर लगाया गया है। नौसेना ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि सैन्यकर्मी टिक टॉक एप का इस्तेमाल ना करें। साथ ही नौसेना की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि किसी भी एप को डाउनलोड करने से पहले उसके विवरण को ध्यान से पढ़ें और सावधान रहें। वहीं रक्षा विभाग ने भी अपने आदेश में कहा है कि सैन्यकर्मी टिक टॉक एप अपने फोन या टैबलेट से तुरंत डिलीट करें।
बताया जा रहा है कि बीते साल अक्तूबर में ही टिकटॉक को कमिटी ऑन फॉरेन इंवेस्टमेंट इन द युनाइटेड स्टेट्स (CFIUS) ने जांच के लिए बुलाया था जिससे यह पता लगाया जा सके कि चीनी सरकार कहीं उपभोक्ता का निजी डाटा इकट्ठा तो नहीं कर रही है। इसके अलावा यहां याद दिलाते चलें कि यह पहला मामला नहीं है जब टिक टॉक पर सिक्योरिटी, अश्लीलता और डाटा इकट्ठा करने का आरोप लगा है। बीते साल अप्रैल में तमिलनाडु की एक कोर्ट ने सरकार से टिक टॉक पर प्रतिबंध लगाने को कहा था। कोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के बाद कहा था कि टिक टॉक पर अश्लील कंटेंट की भरमार है, फिलहाल कुछ दिन बाद प्रतिबंध हटा लिया गया।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal