उर्दू शायरी के शहंशाह मिर्ज़ा गालिब को जानना-समझना हो तो एक बार गालिब की हवेली में जरूर जाएं, तो अब गालिब म्यूज़ियम बन चुकी है। मिर्जा असदुल्ला बेग खां गालिब ने अपनी जिंदगी को आखिरी रात बल्लीमारान की इसी हवेली …
Read More »मिर्ज़ा गालिब की हवेली, जहां यादों के साथ ही बसती है उनकी शायरी भी
उर्दू शायरी के शहंशाह मिर्ज़ा गालिब को जानना-समझना हो तो एक बार गालिब की हवेली में जरूर जाएं, तो अब गालिब म्यूज़ियम बन चुकी है। मिर्जा असदुल्ला बेग खां गालिब ने अपनी जिंदगी को आखिरी रात बल्लीमारान की इसी हवेली …
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