‘पापा… मैं सौरभ बोल रहा हूं’। यह सुनते ही दून के आरके वशिष्ठ की आंखें छलक उठीं। यह आवाज उनके बेटे सौरभ वशिष्ठ की थी जो कतर की जेल से छूटकर दिल्ली में उतरे थे। आरके वशिष्ठ का हाल जुबिन …
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