– राकेश त्रिपाठी “मैं तेजपुंज, तमलीन जगत में फैलाया मैंने प्रकाश।जगती का रच करके विनाश, कब चाहा है निज का विकास।।” विश्व बंधुत्व की भावना से ओत-प्रोत ये पंक्तियां भारतीय राजनीति के शलाका पुरुष, अजातशत्रु, कवि हृदय ‘जननायक’ अटल बिहारी …
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