SYL विवाद को लेकर दिल्ली में बैठक: पंजाब और हरियाणा के सीएम होंगे शामिल

SYL नहर विवाद पंजाब और हरियाणा के बीच पानी के बंटवारे को लेकर दशकों पुराना है। यह नहर सतलुज और यमुना नदियों को जोड़ने के लिए प्रस्तावित है, जिसका उद्देश्य दोनों राज्यों के बीच जल संसाधनों का समान वितरण करना है।

सतलुज-यमुना लिंक नहर विवाद को लेकर बुधवार शाम को को दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक होगी। इस बैठक में पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्री हिस्सा लेंगे। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल करेंगे। बैठक शाम 4 बजे निर्धारित है।

यह बैठक सुप्रीम कोर्ट में 13 अगस्त 2025 को होने वाली सुनवाई से पहले दोनों राज्यों के बीच सहमति बनाने की दिशा में एक प्रयास है। केंद्र सरकार की मध्यस्थता में होने वाली इस चर्चा का उद्देश्य लंबे समय से चले आ रहे SYL नहर विवाद को सुलझाने की दिशा में प्रगति करना है।

एसवाईएल का मुद्दा
सतलुज यमुना लिंक नहर यानी एसवाईएल का निर्माण साल 1982 में शुरू हुआ था। साल 1990 में इसका काम बंद हो गया। इस मामले को लेकर 1996 में हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट का रुख किया। कोर्ट ने साल 2002 में नहर के निर्माण को पूरा करने के निर्देश दिए। वहीं, साल 2004 में तो कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि अगर पंजाब इसका निर्माण नहीं करता तो केंद्र सरकार खुद इस पर काम करे। पंजाब के पूर्व सीएम कप्तान अमरिंदर सिंह ने साल 2004 में जल समझौतों को रद्द कर दिया, तो अकाली दल की सरकार ने साल 2016 में नहर के लिए जिस जमीन का अधिग्रहण किया था, उसे डि- नोटिफाई कर दिया।

ऐसे में SYL नहर विवाद पंजाब और हरियाणा के बीच पानी के बंटवारे को लेकर दशकों पुराना है। यह नहर सतलुज और यमुना नदियों को जोड़ने के लिए प्रस्तावित है, जिसका उद्देश्य दोनों राज्यों के बीच जल संसाधनों का समान वितरण करना है। हालांकि, इस मुद्दे पर दोनों राज्यों के बीच मतभेद बने हुए हैं, जिसके कारण यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। दिल्ली में होने वीली बैठक से दोनों राज्यों के बीच सहमति की संभावनाएं तलाशी जाएंगी, ताकि सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले कोई ठोस समाधान निकाला जा सके।

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