SIM कार्ड पर क्यों लिखे होता है 19 अंकों का नंबर…99 प्रतिशत लोग नहीं जानते

मोबाइल नंबर से लेकर टेलिकॉम ऑपरेटर तक की जानकारी छिपी होती है। इस पोस्ट मे हम आपको इन 19 डिजिट का मतलब बताएंगे। आपने ध्यान दिया होगा कि आपकी सिम पर 19 डिजिट का एक नंबर लिखा होता है लेकिन इसका क्या मतलब होता है और इसका क्या महत्व है ये आपने कभी सोचा है? इस 19 डिजिट के नंबर में बहुत सी जानकारियां छिपी होती है।

तीन प्रकार की होती है सिम : अाज कल सभी स्मार्ट फोन्स में नैनो सिम का इस्तेमाल होता है। और उसके पहले माइक्रो सिम यूज की जाती थी और सबसे पहले बड़ी सिम आती थी जिसे सिमकार्ड कहते थे। SIM का फुल फॉर्म Subscriber Identity Module है। चलिए अब बताते हैं इस 19 डिजिट का रहस्य : इन 19 डिजिट्स मे से पहली दो डिजिट्स इंडस्ट्री कोड होते हैं। 89 ये टेलिकाॅम इंडस्ट्री का काॅमन कोड होता है। अगली दो डिजिट्स कंट्री कोड होती हैं, जिसे मोबाईल कंट्री कोड (MCC) भी कहते हैं। 91 इंडिया का कंट्री कोड है। अगली दो डिजिट्स Issuer Identification Number (IIN) होती है। जैसे कि 25 Aircel का IIN है। अगली 4 डिजिट्स सिम कि Manufacturing महिने और वर्ष को दर्शाती हैं।

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अगली 8 डिजिट्स सिम नंबर होती है। टेलिकाॅम कंपनियां इसी पर मोबाईल नंबर का रेकाॅर्ड रखती हैं। इसे कस्टमर आईडेंटिटी नंबर भी कहा जाता है। जो आखिरी नंबर होता है उसे चेकसम कहते हैं। सबसे आखिरी मे एक अल्फाबेट होता है। अगर वहां U लिखा है तो इसका मतलब होता है Universal यानि कि सिम सभी नेटवर्क 2G से 4G पर काम करेगी। अगर यदि वहां H लिखा है तो उसका मतलब होता है कि वह सिम सभी नेटवर्क पर काम नही करेगी। अगर ये पोस्ट आपको अच्छी लगी हो तो इस महत्वपूर्ण जानकारी को दूसरों से भी शेयर करें और पोस्ट को लाईक करें।

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