कानपुर. पाकिस्तान से 28 साल बाद रविवार देर शाम उत्तर प्रदेश के कानपुर निवासी शमसुद्दीन की घर वापसी हुई है. कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद शमसुद्दीन को परिजनों से मिलाया गया. शमसुद्दीन 28 साल बाद अपने परिवारीजनों को देख फफक कर रो पड़े. उनको इतने वर्षों के बाद देख परिवारीजन भी अपने आंसू रोक न सके. बहन ने शमसुद्दीन का माथा चूम हालचाल लिया. परिजनों से मिलने के बाद शमसुद्दीन को पुलिस अपने साथ पूछताछ के लिए ले गई.
आपको बता दें कि 28 साल पहले बजरिया इलाके के कंघी निवासी शमसुद्दीन घर में विवाद होने के बाद परिचित के पास पाकिस्तान गया था. बाद में वहां हालात खराब होने के कारण फंस गया और फर्जी तरह से वहां कीे नागरिकता ले ली. बाद में परिवार को भी बुला लिया और वहां अपना धंधा जमा लिया.
कुछ साल बाद शमसुद्दीन ने अपने बीवी और बच्चों को वापस भारत भेज दिया. अपना पासपोर्ट रिन्यू कराने पहुंचने पर उसे पुलिस ने पकड़ लिया. आरोप है कि इसके बाद पाकिस्तान की फौज और पुलिस ने भारत का जासूस साबित करने के लिए उन्हें टार्चर किया. प्रताड़ना के बाद भी जब शमसुद्दीन ने जासूस होने की बात स्वीकार नहीं की तो गलत तरीके से बॉर्डर पार करने का आरोप लगा कर उसे जेल में डाल दिया गया. जहां सजा पूरी होने के बाद उसे रिहा किया गया और भारतीय फौज के हवाले कर दिया गया.