5 सितंबर 2016, इंडियन टेलीकॉम सेक्टर के इतिहास की अहम तारीख है। इसने पूरे सेक्टर की तस्वीर को बदलकर रख दिया। सिम लॉन्चिंग से शुरू हुए जियो के खेल ने फोन लॉन्चिंग तक आते-आते कंपनियों को मर्जर और सेक्टर से एग्जिट होने को मजबूर कर दिया। बीते दो सालों में सेक्टर के हालात हम सभी ने देखे हैं, जिसका असर अब तक जारी है। वोडाफोन और आइडिया मर्जर करने की तैयारी में हैं, आरकॉम अपना मोबाइल बिजनेस बंद कर चुका है और एयरसेल की स्थिति भी किसी से छिपी नहीं है। वह दिवालिया होने के करीब पहुंच चुकी है और वो इंट्रा सर्कल रोमिंग समझौतों के लिए भारती एयरटेल और रिलायंस जियो इन्फोकॉम के साथ बातचीत कर रही है।
टेलीकॉम सेक्टर के लिए कैसा रहेगा साल 2018 और कितना दबाव में है सेक्टर?