बी.टेक की छात्रा के गर्भपात कराने के फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट काफी गंभीर है। शीर्ष न्यायालय ने दिल्ली के एम्स के निदेशक को इसको लेकर 20 जनवरी तक डॉक्टरों की एक टीम गठित करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि कि ये टीम यह जांच करेगी कि क्या 20 वर्षीय अविवाहित बी.टेक छात्रा के 29 सप्ताह के गर्भ को गिराना सुरक्षित है या नहीं। एम्स को इसके बाद रिपोर्ट जमा करने के लिए भी कहा गया है।