सर्दियों का मौसम बेहद सुहावना होता है। फूलों से भरे गार्डन या बैलकनी में बैठकर चाय पीने या गुनगुनी धूप सेंकने का एक अलग ही आनंद होता है, लेकिन गर्मी की तरह बहुत ज्यादा सर्दी भी पौधों के लिए अच्छी नहीं होती है। इसकी वजह से पौधे गलने और सड़ने लग जाते हैं, तो अगर आप अपने खूबसूरत और महंगे प्लांट्स को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि ऐसे में क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
क्या करें?
– इस बात पर ध्यान दें कि पौधों की सिंचाई नियमित और संतुलित तरीके से हो।
– ठंड के मौसम में पौधों को पानी की कम आवश्यकता होती है इसलिए जब तक गमले की मिट्टी ऊपर से 2 इंच तक सूखी न हो, तब तक पौधों को पानी न दें। धूप की जरूरत का भी ध्यान रखें। फल और फूल देने वाले पौधों को तेज धूप की जरूरत होती है, तो उन्हें ऐसी जगह शिफ्ट करें, जहां तेज धूप आती हो। इंडोर प्लांट्स के लिए भी थोड़ी धूप जरूरी है इसलिए उन्हें किसी ऐसी जगह शिफ्ट कर दें, जहां सूरज की रोशनी आती हो।
– कम से कम सप्ताह में एक बार पौधों की गुड़ाई करनी जरूरी है। इससे जड़ों को सांस लेने के लिए हवा मिल जाती है और उनकी ग्रोथ सही तरीके से हो पाती है। पौधों को फंगस से बचाना बहुत जरूरी होता है। इसके लिए 15 दिनों के अंतराल पर नीम ऑयल स्प्रे करें। यह तरीका फंगस और कीटाणुओं से बचाव में मददगार साबित होगा।
– कई बार इस मौसम में भी पौधों की पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं, तो कैंची या कटर से उन पत्तियों और टहनियों को काटकर अलग कर देने से पौधों की ग्रोथ सही होती है।
– पौधों को अच्छी तरह धो लें। इससे पत्तियों पर जमी धूल-मिट्टी हट जाएगी और वो एकदम तरोताजा हो जाएंगे।
क्या न करें?
– ज्यादा पानी न दें, इससे जड़े गल सकती हैं।
– इस मौसम में पौधों को खाद की जरूरत नहीं होती इसलिए उन्हें अनावश्यक रूप से खाद न दें। 15 दिनों के अंतराल पर लिक्विड मेन्योर दे सकते हैं।
– इस मौसम रीपॉटिंग यानी गमला बदलने की कोशिश न करें। पौधों की छंटाई के लिए भी ये मौसम सही नहीं होता।
– सकेलेंट प्रजाति के पौधे, जैसे- जेड और रोज मॉस को रोजाना पानी देने की जरूरत नहीं। इन बातों का ध्यान रखेंगे, तो पौधे सर्दियों में भी हरे-भरे बने रहेंगे।