लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से इस्तीफा देकर बिहार की राजनीति में हलचल पैदा करने वाले रघुवंश प्रसाद की एक और चिट्ठी सामने आई है। पू्र्व केंद्रीय मंत्री बीमार हैं और एम्स में उनका इलाज चल रहा है। उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है। ताजा पत्र में उन्होंने राजद के काम करने के तरीके पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि पार्टी में सामंती माहौल है। राजद में अब विचारधारा के स्तर पर बहस की गुंजाइश नहीं बची है।
सिंह ने पत्र में लिखा, ‘संगठन को मजबूत करने के लिए मैंने पत्र लिखा तो उसे ताक पर रख दिया गया। पढ़ने का भी कष्ट नहीं किया गया। जिस समाजवादी मंच से हम कहते रहे हैं कि रानी के पेट से नहीं बैलेट के बक्से से राजा पैदा होता है। वहां क्या हो रहा है, लोग सब देख रहे हैं।’
पार्टी का नाम लिए बिना रघुवंश सिंह ने कहा, ‘संगठन में सचिव से ज्यादा महासचिव बनना हास्यास्पद नहीं है तो क्या है। जयकारे लगवाने और रोजाना के बयान से पार्टी अपने विरोधियों से कैसे निपटेगी।
इतना बड़ा जनाधार और कार्यकर्ताओं को बिना काम के बैठाकर रखने का उदाहरण दुनिया में कहीं नहीं मिलेगा। इस नारे की गूंज अब गायब हो गई है- सावधान पद और पैसे से होना है, गुमराह नहीं, सीने पर गाली खाकर निकले मुख से आह तक नहीं निकली।’
इससे पहले लालू प्रसाद यादव को भेजी गई पहली चिट्ठी में रघुवंश प्रसाद सिंह ने लिखा था कि जननायक कर्पूरी ठाकुर के बाद 32 वर्षों तक आपके पीछे खड़ा रहा लेकिन अब नहीं। पार्टी, नेता, कार्यकर्ता और आमजन ने बड़ा स्नेह दिया, लेकिन मुझे क्षमा करें। वहीं राजद प्रमुख लालू यादव ने रघुवंश सिंह के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए पत्र लिखा था। इसमें लिखा था, ‘आप एक बार स्वस्थ हो जाएं तब हम बात करेंगे। आप कहीं नहीं जा रहे हैं।’
सिंह के विश्वासपात्र केदार यादव ने शनिवार को फोन पर सामाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘उनकी (रघुवंश) हालत कल रात काफी बिगड़ गई। रात 11 बजकर 56 मिनट पर उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया। हम उनकी सलामती की दुआ कर रहे हैं।’ रघुवंश प्रसाद सिंह, पूर्व सांसद रामा सिंह को राजद में शामिल किए जाने की चर्चा से कथित तौर पर नाखुश हैं और उन्होंने 23 जून को तब राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था जब वह कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण पटना एम्स में भर्ती थे।