सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा है कि रिलायंस कम्युनिकेशंस (आर-कॉम) की संपत्ति बिक्री पर लगी रोक के फैसले को नहीं बदला जाएगा। बैंकों के एक कंसोर्टियम ने इस स्टे के संबंध में एक याचिका दाखिल की है। शीर्ष अदालत के न्यायमूर्ति जस्टिस एके गोयल, आर एफ नरीमन और यू यू ललित की खंडपीठ ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (आर-कॉम) की संपत्ति बिक्री पर लगे स्टे ऑर्डर को हटाने से इनकार कर दिया।आपको बता दें कि आर-कॉम की संपत्ति बिक्री पर रोक बॉम्बे हाईकोर्ट ने लगाई थी। शीर्ष अदालत इस संबंध में बैंकों के कंसोर्टियम और आर-कॉम की संपत्ति बिक्री पर हाई कोर्ट की ओर से लगाई गई रोक पर सुनवाई 5 अप्रैल को करेगी। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने बीते दिन ट्राइब्यूनल के एक आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे बॉम्बे हाईकोर्ट की ओर से दिया गया था। इस आदेश में कहा गया था कि एरिक्सन आरकॉम की कंसोलिडेटेड संपत्ति पर दावा पेश कर सकती है। आरकॉम पर भारतीय उधारदाताओं का 420 अरब रुपए का बकाया है।
आरकॉम कॉन्सोलिडेटेड में अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले समूह रिलायंस कम्युनिकेशंस, रिलांलस इन्फ्राटेल और रिलायंस टेलीकॉम शामिल हैं। एसबीआई के अलावा, 24 अन्य भारतीय उधारदाताओं ने एक ग्रुप बनाया है जिसमें बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी), बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई), सेंट्रल बैंक ऑफ ऑफ इंडिया, पीएनबी, आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक, आईओबी, देना बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक, यूनियन बैंक, यूनाइटेड बैंक, एलआईसी और बार्कलेज बैंक।