यस बैंक को बचाने और ग्राहकों का भरोसा कायम रखने के लिए RBI बड़ा कदम उठा सकता है. सूत्रों के मुताबिक आरबीआई 5000 करोड़ या इससे भी ज्यादा की रकम कर्ज दे तौर पर दे सकता है. सूत्रों का कहना है कि यस बैंक में नकदी का संकट दूर करने के लिए रिज़र्व बैंक सेक्शन 17 के तहत यस बैंक को यह रकम कर्ज़ के रूप में दे सकता है.
इस रकम पर ब्याज मौजूदा दर से कम वसूला जा सकता है जिससे बैंक पर भार न आए. RBI फिलहाल आंकलन कर रहा है कि यस बैंक को तुरंत कितनी नगदी की ज़रूरत है.
नगदी संकट से जूझ रहे यस बैंक को बचाने के लिए SBI ने भी लगभग 2500 करोड रुपये की “रिकंस्ट्रक्शन स्कीम” जारी की है. इसके साथ ही एसबीआई के एमडी रजनीश कुमार ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि हमारी लीलग टीम इस मामले को देख रही है.
उन्होंने कहा कि न्यूनतम 26 प्रतिशत और अधिकतम 49 फीसदी स्टॉक खरीद सकते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि कई और निवेशकों ने भी इसमें रुची दिखाई है.
आरबीआई ने यस बैंक को बचाने के लिए रिकंट्रक्शन प्लान पेश कर दिया है. इस पर बैंक के शेयर होल्डर्स, निवेशकों और यस बैंक और एसबीआई से से सुझाव मांगे गए हैं. आरबीआई ने इस ‘यस बैंक रिकंट्रक्शन स्कीम 2020’ नाम दिया है. आरबीआई ने इसके लिए कुछ शर्तें भी रखी हैं.
आरबीआई ने अपनी रिकंट्रक्शन स्कीम में बताया है कि एसबीआई को बैंक की 49 फीसदी हिस्सेदारी लेनी होगी. यह अधिग्रहण तीन साल के लिए होगा, तीन साल बाद वो हिस्सेदारी 26 प्रतिशत से नीचे कर सकते हैं. इसके साथ ही अधिग्रहण करने वाले बैंक एसबीआई को यस बैंक के शेयर 10 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से लेने होंगे.
इसमें दो रुपये फेस वैल्यू होगी और आठ रुपये प्रीमियम वैल्य़ू. इसके साथ ही सबसे बड़ी बात तो आरबीआई ने इस रिकंट्रक्शन स्कीम के तहत कही है वो यह है कि यस बैंक के सभी कर्मचारियों की नौकरी पर कोई खतरा नहीं है. उन्हें जो भी सुविधाएं मिलती रही हैं वो मिलती रहेंगी.
स बैंक के संस्थापक और पूर्व CEO राणा कपूर के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हो गया है. राणा कपूर अब देश छोड़ कर नहीं जा सकते. वहीं प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की टीम ने मुंबई में देर रात राणा कपूर के घर पर छापा मारा.
कपूर का घर मुंबई के वर्ली इलाके में है. रात भर ईडी की टीम ने राणा कपूर से पूछताछ की है. खबर लिखे जाने के दौरान भी ईडी की टीम राणा कपूर के घर में थी. सूत्रों के मुताबिक मनी लॉन्ड्रिंग के जुड़े सबूतों की तलाश में दस्तावेजों को खंगाल रही है.
गुरुवार को डूबते YES बैंक को बचाने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला किया है. फिल्हाल 3 अप्रैल तक रकम निकासी कि सीमा 50,000/- तक तय कर दी गई है. यहां बता दे कि निवेशक हर रोज़ 50000 तक नही बल्कि 3 अप्रैल तक कुल इतनी राशि निकाल सकेंगो.
हलांकि विशेष परिस्थितियों में निकासी की सीमा ₹5 लाख तक कि तय कि गई है. पढ़ाई, इलाज और शादी के लिए ज्यादा रकम निकाले जा सकेंगे.
3 अप्रैल तक रकम निकासी की लिमिट जारी रहेगी. इधर यस बैंक की वित्तीय हालत सुधारने के लिए RBI ने अगले एक महीने के लिए बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का टेकओवर कर लिया है. बैंक का पुनर्गठन 3 अप्रैल से पहले कर दिया जाएगा.