आरबीआई ने सेवाओं में आ रही बाधाओं के मद्देनजर एचडीएफसी बैंक की आईटी अवसंरचना के स्पेशल ऑडिट के लिए एक बाहरी फर्म को नियुक्त किया है। यह जानकारी मंगलवार को एचडीएफसी बैंक द्वारा दी गई है। देश में निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक में पिछले दो वर्षों के दौरान कई बार सेवाओं में बाधाएं आने के बाद आरबीआई ने यह फैसला लिया है।
शेयर बाजार को जानकारी देते हुए एचडीएफसी बैंक ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने बैंकिंग नियामक कानून 1949 की धारा 30 (1-बी) के अंतर्गत बैंक की संपूर्ण आईटी अवसंरचना का विशेष ऑडिट करने के लिए एक बाहरी पेशेवर आईटी फर्म को नियुक्त किया है। इसकी लागत बैंक द्वारा ही वहन की जाएगी।
एचडीएफसी बैंक ने पिछले महीने आरबीआई को बार-बार होने वाले सेवा व्यवधान का समाधान करने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना सौंपी थी। इस कार्ययोजना में एचडीएफसी बैंक ने कहा था कि वह तीन महीनों में अपनी आईटी अवसंरचना को सुधार लेगा। बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रिज़र्व बैंक को सौंपी गई कार्ययोजना पर काम हो रहा है।
बैंक ने कहा कि उसने इस प्रक्रिया को सकारात्मक रूप में लिया है, क्योंकि इससे मानकों को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। अधिकारी ने विश्लेषकों की एक बैठक में कहा कि कार्ययोजना को लागू होने में 10-12 सप्ताह लगेंगे और आगे की समयसीमा आरबीआई के निरीक्षण पर निर्भर करेगी तथा संतुष्ट होने पर नियामक प्रतिबंध हटा देगा।
गौरतलब है कि आरबीआई ने दिसंबर में एचडीएफसी बैंक को अस्थाई रूप से नई डिजिटल पहल शुरू करने और नए क्रेडिट कार्ड जारी करने से अस्थायी रूप से रोक दिया था।
एचडीएफसी बैंक ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा, ‘आरबीआई ने एचडीएफसी बैंक लिमिटेड को 2 दिसंबर, 2020 को एक आदेश जारी किया था। इसमें पिछले दो वर्षों में बैंक की इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और भुगतान से जुड़ी सेवाओं में बाधाओं की विभिन्न घटनाओं, जिसमें 21 नवंबर, 2020 को बैंक के इंटरनेट बैंकिंग और पेमेंट सिस्टम में आई हालिया बाधा भी शामिल है, के बारे में आदेश जारी किया गया था।’