भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो दर में वृद्धि के बाद, होम लोन की ब्याज दरें फिर से बढ़ रही हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने नीति समीक्षा में प्रमुख रेपो दर में 50 आधार अंकों की वृद्धि की है, ताकि बढ़ती महंगाई पर काबू पाया जा सके। रेपो रेट अब 5.9 फीसदी है। इस हिसाब से कुछ ही दिनों में आपके लोन की ईएमआई में भी बढ़ोतरी हो जाएगी। लगातार बढ़ती हुई ईएमआई आपके लिए सिरदर्द न साबित हो जाए, इसके लिए कुछ जरूरी बातें जान लेना बहुत जरूरी है।
अक्टूबर 2019 से जारी किए गए होम लोन रेपो रेट से जुड़े हुए हैं। जब भी रेपो दर को संशोधित किया जाता है, तो होम लोन की दर समान अंतर से बढ़ जाती है। आमतौर पर तिमाही में एक बार ऐसा जरूर होता है। लोन की दरें जैसे-जैसे बढ़ती हैं, लोन को चुकाने की अवधि लंबी होती जाती है। अब तक लगभग 190 आधार अंकों की कुल वृद्धि का मतलब है कि नए उधार लेने वालों को पहले के मुकाबले दर्जनों अधिक ईएमआई का भुगतान करना होगा।
क्या करते हैं बैंक
लोन की चुकौती को आसान बनाने के लिए बैंक आमतौर पर ईएमआई अमाउंट में बदलाव नहीं करते हैं, बल्कि लोन की अवधि बढ़ा देते हैं। इसका नतीजा यह होता है कि आपको ये महसूस नहीं होता कि आप पर कितना बोझ बढ़ चुका है। दरअसल, अतिरिक्त ब्याज का भुगतान लंबी अवधि में किया जाता है। बस, आपको फायदा यह होता है कि आपकी ईएमआई में कोई चेंज नहीं होता है। लेकिन कुछ उपाय हैं, जिनके माध्यम से आप अपनी ईएमआई का बोझ कम कर सकते हैं
लोन को जल्दी निपटाएं
अपनी देनदारी को जितनी जल्दी हो सके निपटा देना ही समझदारी है। यह बकाया मूलधन और ब्याज के खर्चे को कम करने का एक आसान और प्रभावी तरीका है। आप अपने कर्ज का एकमुश्त भुगतान करने के लिए फंड का इंतजाम करने की कोशिश करें। अगर आपकी सैलरी बढ़ती है, एरियर या बोनस मिलता है तो आप इसका इस्तेमाल अपने लोन को चुकाने के लिए कर सकते हैं।
होम लोन प्री-पेमेंट के तहत आपको लोन अवधि के दौरान अपने लोन का एक या पूरा हिस्सा चुकाने की अनुमति जाती है। मान लीजिए, आपने 20 वर्षों के लिए 7.4 प्रतिशत पर 30 लाख रुपये का कर्ज लाया है तो आपकी ईएमआई 23,985 रुपये होगी। नई दर लागू होने के बाद आपके होम लोन की ब्याज दर 7.9 प्रतिशत होगी। इससे ब्याज बढ़ जाएगा। अगर आप ईएमआई में कोई बदलाव नहीं करते हैं, तो ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद आपके लोन की अवधि 24 महीने बढ़ जाएगी।
यदि आपका कर्ज शुरू ही हुआ है तो आप साल में एक बार बकाया राशि का 5 प्रतिशत प्री पेमेंट करके कर्ज को कुछ आसान बना सकते हैं । उदाहरण के लिए, यदि आपका लोन 20 वर्षों के लिए है, तो अपनी बकाया राशि का कम से कम 5 प्रतिशत समान ब्याज दर पर पूर्व भुगतान करने से आपके लोन की अवधि कम होकर 12 वर्ष हो जाएगी।
ईएमआई बढ़ाने का विकल्प
यदि आपकी फाइनेंसियल कंडीशन अनुमति देती है तो आप अधिक ईएमआई देने का विकल्प चुन सकते हैं। मान लीजिए आप 30,000 रुपये की ईएमआई देते हैं, लेकिन आप किसी महीने 40,000 रुपये का भुगतान करने का फैसला करते हैं तो ये अतिरिक्त 10,000 रुपये मूलधन के बदले एडजस्ट कर दिए जाएंगे। यह कदम आपको तेजी से कर्ज मुक्त होने में मदद करेगा।
लोन ट्रांसफर
ईएमआई आउटगो को कम करने के लिए कम ब्याज दर लोन को किसी और बैंक में ट्रांसफर करा सकते हैं। यदि आप एक नए बैंक के साथ लोन ट्रांसफर करते हैं तो आपको स्टाम्प ड्यूटी और प्रोसेसिंग फीस का भुगतान करना होगा, लेकिन बहुत मुमकिन है कि आपका ब्याज कम हो जाए। अपने कर्ज के बोझ को कम करने का एक और बढ़िया तरीका ये है कि जब आप कम ब्याज पर लोन ट्रांसफर करा लें तो भी उसी ईएमआई राशि का भुगतान करते रहें, जो आप पहले देते थे।