रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर उर्जित पटेल ने नोटबंदी पर बड़ा खुलासा किया है। संसद की लोक लेखा समिति में दिए गए अपने बयान में पटेल ने कहा कि नोटबंदी का फैसला सरकार ने किसी भी जल्दबाजी में नहीं लिया था। सरकार नोटबंदी के लिए कई महीनों पहले ही रिजर्व बैंक से बातचीत कर रही थी। तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने इस बारे में 8 नवंबर को फैसला लिया।
पहले ही पता था होगा बड़ा असर
अपने बयान में पटेल ने कहा कि नोटबंदी के बाद हालत खराब होने का अनुमान पहले ही था, लेकिन रिजर्व बैंक ने इसकी तैयारी पहले से ही कर रखी थी। उन्होंने कहा कि जिन सेक्टर में कैश का लेन-देन होता है वहां पर नोटबंदी का सबसे ज्यादा असर पड़ा। लेकिन कैश की उपलब्धता होने पर इनमें असर कम हो गया है।
नोटबंदी पर बड़ा खुलासा
2000 और 500 के नए नोट
समिति में यह भी बात साफ़ हुई कि 2000 और 500 रुपये के नए नोटों की छपाई नोटबंदी से कुछ महीने पहले ही शुरू कर दी गई थी।
जीडीपी को घटाकर किया था 7.1 फीसदी
अपने लिखित जवाब में पटेल ने बताया कि आरबीआई ने जब अपनी तिमाही मौद्रिक नीति घोषणा की थी, तभी जीडीपी के आंकड़े को 7.6 फीसदी से घटाकर के 7.1 फीसदी कर दिया था।
जानकारी वेबसाइट पर अपलोड क्यों नहीं किया
आरबीआई ने अपने फैसले की जानकारी को वेबसाइट पर अपलोड क्यों नहीं किया, यह प्रश्न पूछने पर पटेल ने कहा कि ऐसा आरबीआई ने कभी नहीं किया था।