RBI के कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे में 78 फीसद लोगों ने माना कि खराब हुई है रोजगार की स्थिति

कोविड-19 ने पूरी दुनिया में जिस तरह से आर्थिक गतिविधियों को तहस नहस किया है, उससे आम जनता में भय बढ़ता जा रहा है। खासतौर पर पिछले दो महीनों यानी मई, 2020 के बाद तो लोगों में नौकरी जाने का भी खतरा बढ़ा और आमदनी कम होने का भी भय बढ़ा है। लिहाजा खर्चे में कटौती करने वालों की संख्या भी बढ़ी है। यह बात भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से किये जाने वाले कंज्यूमर कंफिडेंस सर्वे से सामने आई है। देश के 13 शहरों में 5342 परिवारों के बीच किया गया यह सर्वे हाल के दिनों में किसी भी विश्वस्त एजेंसी की तरफ से किया गया सबसे बड़ा सर्वे है।

केंद्रीय बैंक हर दो महीने पर इस तरह का सर्वे करता है। इसके आधार पर मौद्रिक नीति समीक्षा करने में भी आरबीआइ को मदद मिलती है। नया सर्वे जिसमें पिछले एक वर्ष की स्थिति दिखाई गई है। इसके मुताबिक जुलाई, 2020 में सर्वे में शामिल 77.8 फीसद लोगों ने माना है कि मौजूदा स्थिति पहले से खराब हुई है। जबकि एक वर्ष पहले इस तरह की भावना रखने वाले 38.4 फीसद लोग थे।

जुलाई, 2019 में 37.4 फीसद लोगों ने कहा था कि उनकी स्थिति पहले से ठीक हुई है जबकि जुलाई, 2020 में ऐसा मानने वाले महज 11.9 फीसद हैं। कोरोना काल यानि मार्च, 2020 में भी 52.3 फीसद लोगों ने माना था कि उनकी स्थिति खराब हुई है। जुलाई, 2020 में 78.1 फीसद लोगों ने कहा है कि रोजगार की स्थिति खराब हुई है जबकि मई, 2020 में 67.4, मार्च 2020 में 55.7 फीसद लोगों ने ऐसा माना था। वही जुलाई, 2019 में 45.6 फीसद लोगों ने कहा था कि रोजगार की स्थिति खराब हुई है।

इस सर्वे में एक वर्ष क्या स्थिति रहेगी, यह सवाल भी पूछा जाता है। इसका आंकड़ा देखे तो 44.3 फीसद लोग मान रहे हैं कि स्थिति सुधरेगी और 42.2 फीसद लोग मानते हैं कि हालात और बिगड़ेंगे। मई, 2020 के मुकाबले यहां लोगों के भरोसे में सुधार दिख रहा है। इसे इकोनोमी को सामान्य बनाने के लिए सरकार की तरफ से लागू अनलॉक-एक और दो से जोड़ कर देखा जा सकता है। इस सर्वे में एक अहम सवाल आय व खर्चे से जुड़ा होता है। इसके बारे में जो लोगों ने प्रतिक्रिया दी है उसके आधार पर जारी आंकड़े बेरोजगारी जैसे ही हैं।

ताजे आंकड़ों (जुलाई) में 62.8 फीसद लोगों ने कहा है कि उनकी आमदनी घटी है और 17.2 फीसद ने कहा है कि उन्होंने खर्चे कम कर दिए हैं। मार्च, 2020 में 24.9 फीसद ने कहा था कि उनकी आमदनी घटी है व 3.4 फीसद ने खर्चे कम करने की बात कही थी। जाहिर है कि कोविड-19 का प्रभाव बढ़ने के साथ ही लोगों की मनोदशा बदली है। अब जबकि इकोनोमी लगातार खुल रही है तो हो सकता है कि अगले सर्वे में स्थिति बदली नजर आये।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com