स्टेट कौंसिल फॉर एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एस.सी.ई.आर.टी.) पंजाब द्वारा राष्ट्रीय आविष्कार अभियान के तहत राज्य के मिडल स्कूलों में कक्षा 6वीं से 8वीं तक के विद्यार्थियों के लिए प्रयोगात्मक शिक्षा को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश और वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इस अभियान का उद्देश्य विद्यार्थियों में विज्ञान विषय के प्रति रुचि बढ़ाना, उनकी प्रयोगात्मक और सृजनात्मक क्षमताओं को विकसित करना है। विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों में दिए गए व्यावहारिक कार्यों को छात्रों द्वारा पूरा करने की योजना बनाई गई है।
इस योजना के तहत पंजाब के 23 जिलों के 2534 मिडिल स्कूलों को प्रति स्कूल 2000 रुपए, कुल 50.68 लाख रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। सबसे अधिक 222 स्कूल गुरदासपुर जिले में शामिल हैं जिन्हें 4.44 लाख रुपए की सहायता दी गई। अन्य प्रमुख जिलों में होशियारपुर के 219 स्कूल, लुधियाना के 189 स्कूल, और जालंधर के 158 स्कूल शामिल हैं।
विभाग द्वारा स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि इस वित्तीय सहायता का उपयोग केवल निर्धारित उद्देश्यों के लिए हो। स्कूल प्रमुखों को इस राशि के उचित उपयोग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रयोगात्मक गतिविधियों के पूरा होने के 15 दिनों के भीतर प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य किया गया है।
एस.सी.ई.आर.टी. के अनुसार यह कदम शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने और छात्रों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने के लिए उठाया गया है। यह पहल विद्यार्थियों को विज्ञान विषय में रुचि पैदा करने और उनके कौशल को निखारने में सहायक होगी।