नोएडा सेक्टर एक स्थित पीएनबी में लूट की कोशिश के दौरान दो गार्डों की रॉट, सरिये व फावड़े से मारकर हत्या करने के आरोपित शहर के झपटमार निकले। तीनों आरोपितों का मुख्य पेशा राहगीरों से मोबाइल, चेन और पर्स झपटना है। एक झटके में अमीर बनने की चाहत में वे बैंक लूट जा पहुंचे थे। आरोपित पुलिस की नजरों के सामने ही घूम रहे थे। इसके बाद भी पुलिस उन्हें पहचान नहीं सकी और दिल्ली एनसीआर के गलियों की पांच दिन तक खाक छानती रही।
इस दौरान पुलिस ने 100 से अधिक झपटमारों और नामी बदमाशों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की थी। सेक्टर 19 में मंगलवार देर रात हुई पुलिस मुठभेड़ में घायल दिनेश और आकिल का अभी जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि गिरफ्तार आरोपित मुंशी उर्फ विशाल से पूछताछ कर गैंग के बाकी फरार सदस्यों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
सेक्टर 20 कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मनोज पंत ने बताया कि पीएनबी में लूट की कोशिश और दो गार्डों की हत्या मामले की जांच कई एंगलों से की जा रही थी। जिस तरह से दोनों गार्डों की हत्या की गई थी, उससे लग रहा था कि हत्यारोपितों का इरादा बैंक लूट नहीं था, बल्कि दोनों गार्डों की हत्या करने का था। वहीं बैंक का लॉकर तोड़ने की कोशिश से लगा रहा था कि लूट में असफल होने पर हत्या की गई है। सीसीटीवी फुटेज देखने से लगा कि हत्यारोपित नौसिखिये हैं। पुलिस पर हत्या का खुलासा करने का भारी दबाव था। लिहाजा 10 से अधिक पुलिस टीमें दिल्ली एनसीआर में संदिग्धों की धर पकड़ शुरू कर दी थी।
मनोज पंत ने बताया कि पांच दिनों में पुलिस ने नोएडा, खोड़ा, गाजियाबाद, दिल्ली समेत अन्य स्थानों से 100 से अधिक संदिग्धों को पकड़ा गया था। इसमें दर्जन भर से अधिक हार्ड क्रिमिनल शामिल थे, जो हाल के दिनों में जेल से छूट कर बाहर आये थे। इन सभी से काफी गहनता से पूछताछ की गई, लेकिन पीएनबी की वारदात से इनका कोई संबंध होने के सबूत नहीं मिले। इसी दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि वारदात को अंजाम देने वाले झपटमार हैं, जो शहर में ही खुलेआम घूम रहे हैं।