दिल्ली में गणतंत्र दिवस की परेड पर इस बार भी पंजाब की झांकी दिखाई नहीं देगी। साल 2024 की गणतंत्र दिवस की परेड के लिए पंजाब सरकार ने तीन झांकियों का प्रारूप भेजा था, जिसे केंद्र ने अस्वीकार कर दिया है। इस पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने काफी नाराजगी जताई है। बुधवार को उन्होंने मोदी सरकार पर गणतंत्र दिवस समारोह का भगवाकरण करने का आरोप लगाया।
पंजाब भवन में बुलाई पत्रकार वार्ता में मान ने कहा कि सत्ता के नशे में अहंकारी केंद्र सरकार, स्वतंत्रता संग्राम में पंजाबियों के बेमिसाल बलिदान का अपमान कर रही है। पिछले साल भी केंद्र सरकार ने ऐसा किया था और इस साल भी झांकी रद्द कर वही दोहराया है। केंद्र सरकार पंजाब के जख्मों पर नमक छिड़क रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ओर दुनिया भर से श्रद्धालु फतेहगढ़ साहिब पहुंचकर छोटे साहिबजादों और माता गुजरी जी की शहादत के समक्ष नतमस्तक हो रहे हैं, दूसरी ओर भाजपा पंजाब का अनादर करने के हथकंडे अपना रही है। शहादत और बलिदान पंजाब की महान विरासत का हिस्सा हैं, जिन्हें राज्य की झांकी में बखूबी दिखाया जाना था। इन देशभक्ति के विचारों वाली झांकी को रद्द कर केंद्र सरकार ने महान देशभक्तों और राष्ट्रीय नायकों के बलिदान का अपमान किया है।
मान ने कहा कि वह राज्य की झांकी को शामिल न करने का मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष जोरदार ढंग से उठाएंगे। अगर झांकी शामिल नहीं की गई तो भी राज्य सरकार 26 जनवरी को राज्य भर में होने वाले सभी समारोहों में इन्हें ‘केंद्र सरकार द्वारा रद्द’ के बैनर लगाकर शामिल करेगी और राज्य की समृद्ध विरासत को लोगों के सामने पेश किया जाएगा।
भाजपा शासित राज्यों की ही झांकियां चुनी गईं: मान
मान ने कहा कि इस साल भी झांकी के लिए चुने गए राज्यों में से 90 प्रतिशत से अधिक भाजपा के शासन वाले राज्य हैं। दिल्ली की झांकी को भी रद्द दिया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस साल पंजाब सरकार ने तीन विषय ‘पंजाब-शहीदों और बलिदानों की गाथा’, ‘नारी शक्ति’ (माई भागो-पहली महान सिख जंगजू बीबी) और ‘पंजाब का समृद्ध सभ्याचार की पेशकारी’ विषयों को झांकी के लिए भेजा था। उन्होंने केंद्र सरकार को याद दिलाया कि अगर अंडमान-निकोबार को अपनी झांकी पेश करनी पड़ती तो पंजाब उसमें भी होता, क्योंकि भारत की आजादी का संघर्ष पंजाब और पंजाबियों के योगदान से भरा हुआ है। यह भाजपा की साजिश है, ताकि देश की एकता और अखंडता को बरकरार रखने में पंजाब के बलिदान को छिपाया जा सके।
भाजपा नेताओं को मान की चुनौती
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये लोग देशभर में चल रही मोदी की झांकी का गुणगान करने लगे हैं लेकिन वह शहीदों की झांकी के विचार के खिलाफ हैं। इस कदम से भाजपा का पंजाब विरोधी चेहरा फिर बेनकाब हुआ है। कैप्टन अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़, आरपी सिंह, मनजिंदर सिरसा समेत सभी भाजपा नेता बताएं कि उनकी सरकार यह बेइंसाफी क्यों कर रही है। अगर एनडीए सरकार का बस चले तो वह राष्ट्रगान से भी पंजाब का नाम हटा दें।
एडवांस पैसा लेकर भी ट्रेनें देने से इन्कार
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि तीर्थयात्रा योजना के लिए राज्य सरकार ने एडवांस पैसा देकर करार किया था लेकिन केंद्र सरकार ने जानबूझकर वाराणसी, पटना साहिब, नांदेड़ साहिब, अजमेर शरीफ व अन्य स्थानों तक तीर्थ यात्रियों को ले जाने वाली रेलों को रोक दिया है। केंद्र का मकसद लोगों को धार्मिक स्थानों पर माथा टेकने से वंचित रखना है। प्रधानमंत्री रोज डबल इंजन वाली सरकार की शेखी मार रहे हैं लेकिन रेलवे इस लोक हितैषी योजना के लिए इंजन न होने का हवाला दे रहा है।
झांकी को स्थान न मिलना निराशाजनक लेकिन सीएम की भाषा अशोभनीय: जाखड़
पंजाब की झांकी को मंजूरी नहीं मिलने पर केंद्र सरकार पर सीएम भगवंत मान के तीखे बोल पर भाजपा ने ऐतराज जताया है। भाजपा प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने बुधवार को अपने एक्स हैंडल पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस परेड में पंजाब की झांकी को गौरवपूर्ण स्थान मिलना चाहिए था। हर पंजाबी चाहेगा कि हमारी समृद्ध संस्कृति, हमारा इतिहास जो बलिदानों से भरा है और गुरु साहिबान का सार्वभौमिक भाईचारे का संदेश 26 जनवरी को देश के सामने प्रदर्शित हो।
पंजाब की झांकी का भाग न लेना निश्चित रूप से हम सभी के लिए निराशाजनक है। उन्होंने आगे लिखा कि लेकिन भगवंत मान द्वारा इस मुद्दे को राज्य में लोगों की भावनाएं भड़काने के बहाने के रूप में इस्तेमाल करने का कोई कारण नहीं है। भगवंत मान ने आज जिस तरह की अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है, वह अशोभनीय है।