किसानों के दिल्ली कूच के चलते अंबाला-चंडीगढ़ हाईवे बंद कर दिया गया है। अंबाला की ओर जाने वाले छोटे वाहनों को शंभू से घनौर जाने वाले मार्ग से अंबाला के लिए डायवर्ट किया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले करीब 26 किसान संगठन दिल्ली जाने पर अड़े हैं।
लंबित मांगों को लेकर केंद्र सरकार के साथ मैराथन बैठक के बीच पंजाब के हजारों किसानों ने हरियाणा के बॉर्डर पर डेरा डाल दिया है। दिल्ली कूच के लिए ट्रैक्टर ट्रॉलियों में टेंट, राशन और अन्य सामान भरकर पंजाब के विभिन्न इलाकों से किसान निकल पड़े हैं।
13 फरवरी को दिल्ली कूच की तैयारी के साथ सोमवार देर रात तक हजारों की तादाद में किसान हरियाणा सीमा के करीब पहुंच गए। उधर, पंजाब के किसानों को रोकने के लिए हरियाणा ने डबवाली, चांदपुरा, खनौरी, शंभू और झरमड़ी बॉर्डर कंटीली तारों, सीमेंट ब्लॉक और सड़क पर लोहे की कीलें गाड़ कर सील कर दिए हैं।
पंजाब के किसान संगठनों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच चंडीगढ़ में सोमवार शाम छह बजे शुरू हुई बैठक देर रात तक चलती रही। सूत्रों के अनुसार बैठक में पिछले आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज सभी मामले वापस लेने, आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजे और बिजली संशोधन बिल-2020 रद्द किए जाने पर सरकार सहमत हो गई है। किसान एमएसपी की गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने समेत कई मांगों पर अड़े हैं।
बैठक में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल व अर्जुन मुंडा के अलावा पंजाब के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल, मुख्य सचिव अनुराग वर्मा भी शामिल हैं। किसान संगठनों की ओर से जगजीत सिंह डल्लेवाल, स्वर्ण सिंह पंधेर, अभिमन्यु कोहाड़, इंदरजीत कोटबुड्डा और जरनैल सिंह बैठक में हैं।
शंभू बॉर्डर पर रखे पत्थर घग्गर में फेंके
वहीं अंबाला में शंभू बॉर्डर पर पंजाब की तरफ किसान समर्थक युवाओं ने देर शाम पुलिस द्वारा रखे गए बड़े बड़े भारी पत्थरों को ऊपर से ही नीचे घग्गर नदी में फेंक दिया है। इस दौरान युवा हाथों में लोहे की रॉड से पत्थरों को धकेलते दिखाई दिए।
ये हैं प्रमुख मांगें
किसान स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करगे, एमएसपी पर गारंटी, लखीमपुर खीरी हादसे पर सख्त कार्रवाई करने, किसान मोर्चों के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को सरकारी नौकरी व मुआवजा राशि देने की मांग कर रहे हैं। किसान नेताओं जगजीत सिंह डल्लेवाल, सरवण सिंह पंधेर, अभिमन्यु कोहाड़, इंद्रजीत कोटनबुधा, बलदेव सिंह सिरसा, जरनैल सिंह और शिव कुमार कक्का का कहना है कि सरकार जब तक इन सभी मांगों पर राजी नहीं होती, वे दिल्ली कूच का फैसला वापस नहीं लेंगे।
धारा 144 जारी, सड़कें खोदीं
हरियाणा के 15 जिलों में धारा 144 जारी है। कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद हैं। बॉर्डर पर जगह-जगह सीमेंट के ब्लॉक्स, कंटीली तारें, कीलें लगाकर हाईवे खोद दिया गया है। अन्य छोटे रास्तों पर भी बैरिकेडिंग की गई है। हरियाणा में हालात संभालने के लिए केंद्र ने बीएसएफ और सीआरपीएफ की 64 कंपनियां लगाई हैं।
हरियाणा सरकार ने किसानों को रोकने से लेकर गिरफ्तारी तक की तैयारी कर ली है। इसके लिए सिरसा के चौधरी दलबीर सिंह इंडोर स्टेडियम और गुरु गोबिंद सिंह स्टेडियम डबवाली में दो अस्थायी जेलें बनाई हैं। वहीं पंजाब में पटियाला के एसएसपी ने सोमवार को शंभू बॉर्डर का निरीक्षण किया। शंभू बॉर्डर को अंबाला की तरफ एक किलोमीटर तक सील कर दिया गया है। किसी को बॉर्डर पर जाने की अनुमति नहीं है। किसानों को रोकने के लिए सिरसा और फतेहाबाद के रतिया में सड़क खोद दी गई। हिसार के हांसी और कैथल में सड़कों के किनारे पर खाई बना दी गई है।
पंजाब से 10 हजार ट्रैक्टर-ट्रॉली बॉर्डर पर जुटने की संभावना
13 फरवरी को पंजाब के किसान 10 हजार ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर दिल्ली जाने के लिए हरियाणा बॉर्डर पर जुटने की संभावना है। इसके लिए शंभू बॉर्डर, डबवाली और खनौरी बॉर्डर को चुना गया है। अंबाला में आपात स्थिति से निपटने व कानून व्यवस्था बनाने के लिए चार कंपनियां एल्फा, ब्रेवो, चार्ली व डेल्टा का गठन किया गया है। चारों कंपनियों में 428 जवान होंगे।