मुंबई के कुर्ला की रहने वाली हमीदा बानो को एक ट्रैवल एजेंट दुबई में खाना बनाने की नाैकरी का झांसा देकर पाकिस्तान में छोड़ गया था। पाकिस्तान के हैदराबाद में सड़क पर टाफियां बेचकर उन्होंने अपना पेट भरा। अब वे वतन लाैट आई हैं।
करीब 22 साल बाद मुंबई की हमीदा बानो वतन लाैट आईं। मुंबई के कुर्ला की रहने वाली 70 वर्षीय हमीदा बानो पाकिस्तान में फंसी थीं। उन्होंने भारत वापसी की उम्मीद कभी नहीं छोड़ी थी।
सोमवार को अटारी सीमा के रास्ते हमीदा बानो भारत पहुंचीं। जब वे भारत में दाखिल हुईं तो उनकी आंखों में आंसू थे। हमीदा जब अटारी सीमा पहुंचीं तो फोकलोर रिसर्च अकादमी अमृतसर के अध्यक्ष रमेश यादव ने उन्हें रिसीव किया।
दुबई में नाैकरी के नाम पर भेजा था पाकिस्तान
वर्ष 2002 में हमीदा बानो को मुंबई के एजेंट ने दुबई में खाना बनाने की नौकरी दिलवाने की बात कही, लेकिन एजेंट ने उसे दुबई की बजाय पाकिस्तान भेज दिया। हमीदा बानो को जब मालूम हुआ कि वह पाकिस्तान आ गई है तो वह घबरा गई। डर के कारण उसने न तो पाकिस्तान पुलिस को कुछ बताया और न ही किसी से सहायता मांगी।
मुंबई में रहने वाले हमीदा बानो के परिजन भी परेशान थे कि हमीदा बानो कहां चली गई। हमीदा ने पाकिस्तान के सिंध प्रांत के हैदराबाद में रहकर सड़क पर टाफियां बेचकर अपना भरण पोषण किया। कराची में एक व्यक्ति से उसका संपर्क हुआ। उसने हमीदा के समक्ष निकाह का प्रस्ताव रखा। विवाह के पश्चात हमीदा उसके साथ रहने लगी, पर कोरोना काल में उसके पति की मौत हो गई।
इंटरनेट से बच्चों को पता चला कि मां पाकिस्तान में है
हमीदा ने बताया कि 2022 में इंटरनेट के माध्यम से उसके बच्चों को पता चला कि मैं पाकिस्तान में हूं। हमीदा बानो जिस मदरसे के बाहर बैठकर टाॅफियां बेचा करती थी। वहां एक बच्चा उनसे टाॅफी लेने आया करता था। यह बच्चा शिक्षा पूर्ण करने के बाद एक चैनल से जुड़ गया। इसी ने अपने चैनल पर हमीदा का इंटरव्यू किया, जो वायरल हुआ।
यह वीडियो मुंबई में रहने वाली हमीदा की बेटियां यासमीन और प्रवीण ने भी देखा। पाकिस्तान अधिकारियों के ध्यान में भी यह वीडियो आया। इसके बाद पाकिस्तान सरकार ने हमीदा को भारत भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी। इसके साथ ही पाकिस्तान के टीवी चैनलों पर भी यह समाचार चला और हमीदा को पाकिस्तान से भारत भेज दिया गया।