पंजाब में इस सीजन में पराली जलाने के कुल मामले बुधवार को 10 हजार के पार पहुंच गए। बुधवार को पंजाब के पांच शहरों का एक्यूआई खराब श्रेणी में दर्ज किया गया। इनमें सबसे अधिक 251 का एक्यूआई अमृतसर व जालंधर का दर्ज किया गया। लुधियाना का 246, मंडी गोबिंदगढ़ का 243 और पटियाला का एक्यूआई 214 रहा। वहीं, बठिंडा का एक्यूआई 122, खन्ना का 148 और रूपनगर का 115 दर्ज किया गया, जो येलो जोन में रहा।
पंजाब में बुधवार को पराली जलाने के 179 नए मामले आए। इससे अब इस सीजन के दौरान कुल मामले बढ़कर 10,104 हो गए हैं। बुधवार को सबसे अधिक 26-26 मामले जिला फिरोजपुर व संगरूर से सामने आए। पराली जलाने के 20 मामले मुक्तसर, 15 तरनतारन में, 14 फरीदकोट में, फाजिल्का में 10, मोगा में 9, जालंधर, लुधियाना, बठिंडा व बरनाला में आठ-आठ मामले, मानसा में पांच, मालेरकोटला व कपूरथला में चार-चार, अमृतसर में तीन व पटियाला में दो मामले आए। गुरदासपुर व एसबीएस नगर में एक-एक मामला सामने आया।
संगरूर जिले में सबसे ज्यादा 1647 मामले
पंजाब में इस सीजन के दौरान 18 नवंबर तक पराली जलाने के 1647 मामलों के साथ सीएम का जिला संगरूर सबसे आगे है। फिरोजपुर 1189 मामलों के दूसरे, तरनतारन 802 मामलों के साथ तीसरे, 703 मामलों के साथ अमृतसर चौथे नंबर पर है। बठिंडा में पराली जलाने के कुल मामले 670, मुक्तसर में 668, मोगा में 596, मानसा में 560, पटियाला में 536, फरीदकोट में 470, कपूरथला में 321, लुधियाना में 246, फाजिल्का में 233 पराली जलाने के मामले हो चुके हैं।
30 नवंबर तक की जाएगी मॉनीटरिंग
पीपीसीबी के चेयरमैन आदर्श पाल विग के मुताबिक 30 नवंबर तक पंजाब में पराली जलने के मामलों की मॉनीटरिंग की जानी है।अब पराली जलाने के मामले कम होना शुरू हो गए हैं। इस बार पिछले सालों के मुकाबले करीब 70 फीसदी मामले कम रहने का संभावना है। यह सब विभिन्न विभागों के मुलाजिमों व अधिकारियों की मेहनत का नतीजा है। किसान भी आगे की तुलना में जागरूक हुए हैं। आने वालों कुछ सालों में पंजाब में पराली जलनी बंद होगी, इसकी पूरी उम्मीद है।
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