अमृतपाल सिंह असम की डिब्रूगढ़ जेल में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत जेल में बंद है। जेल में रहने के दौरान ही उसने खडूर साहिब सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा और सबसे बड़े मार्जिन से जीत हासिल कर सांसद बना।
असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक और सांसद अमृतपाल सिंह आज बतौर सांसद के रूप में शपथ लेंगे। अमृतपाल ने पंजाब के खडूर साहिब सीट से लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (एनआईए) के तहत डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल को सांसद के रूप में शपथ लेने के लिए 10 शर्तों पर पैरोल दी गई है।
जानें क्या हैं शर्तें
जिला मजिस्ट्रेट अमृतसर ने 10 शर्तों के लिए डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल के सुपरिंटेंडेंट को दिशा निर्देश जारी किए हैं। इन शर्तों में मुख्य रूप से जो बिंदु शामिल किए गए हैं, इनमें अमृतपाल शपथ ग्रहण करते समय कोई देश विरोधी शब्दों का प्रयोग नहीं करेंगे। किसी धर्म, विशेष समुदाय या देश की अखंडता को प्रभावित करने वाली बात नहीं करेंगे। अमृतपाल पैरोल पर पंजाब का दौरा नहीं करेंगे और परिवार व वकील के अलावा वे किसी अन्य से मुलाकात नहीं करेंगे। अमृतपाल को लोकसभा सचिव की ओर तय की जगह पर ही ठहराना होगा। अमृतसर रूरल एसएसपी के नेतृत्व में अमृतपाल के शपथ समारोह के लिए सुरक्षा टीम गठित की गई है।
घर नहीं आ पाएगा अमृतपाल
डिब्रूगढ़ जेल से बाहर निकलने से लेकर दोबारा जेल आकर हाजिरी दर्ज कराने तक के लिए अमृतपाल को चार दिन की पैरोल दी गई है। वे दिल्ली छोड़कर किसी भी अन्य राज्य नहीं जा सकते। पंजाब बंदी (हिरासत की स्थिति) आदेश, 1981 की धारा 2 (सी) के तहत परिभाषित अमृतपाल को इस दौरान दिल्ली में ही रिश्तेदारों से मिलने की अनुमति दी जाएगी।
वीडियो बनाने की अनुमति नहीं
अमृतपाल या उसके किसी भी रिश्तेदार को उनका वीडियो बनाने या बयान का वीडियो बनाने और उसे इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रसारित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अमृतपाल की दिल्ली में स्थानीय यात्रा सहित यात्रा और बोर्डिंग/आवास पर किए गए खर्च को डीजीपी पंजाब के पास उपलब्ध विभागीय बजट से वसूला जाएगा।