सीएम भगवंत मान ने मंगलवार को सभी जिलों के एसएसपी, पुलिस कमिश्नर और पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और कानून व्यवस्था से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को निचले स्तर के पुलिस अधिकारियों और तस्करों के बीच गठजोड़ को तोड़ने के लिए सख्त कदमों की घोषणा की। मान ने कहा कि जो भी पुलिस अधिकारी नशीली दवाओं के व्यापार में शामिल पाया जाएगा, उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया जाएगा और तस्करों की संपत्ति जब्त कर ली जाएगी।
मान ने राज्य भर में बड़े पैमाने पर निचले स्तर के पुलिस अधिकारियों के तबादले की भी घोषणा की और कहा कि विभाग को मजबूत करने के लिए 10,000 और पुलिस कर्मियों की भर्ती की जाएगी।
चंडीगढ़ में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए मान ने कहा कि पुलिस विभाग में जल्द ही सुधार देखने को मिलेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव के दौरान पंजाब में भारी मात्रा में ड्रग्स और नकदी जब्त की गई। उन्होंने कहा कि हमें सुराग मिला कि ये कहां से आए थे और उनका गंतव्य क्या था। हमारे पास पूरी जानकारी है।
मान ने कहा कि जिस दिन आदर्श आचार संहिता समाप्त हुई, मैंने पुलिस महानिदेशक को फोन किया और नशीली दवाओं के खतरे पर कार्रवाई करने को कहा। मान ने कहा कि ऐसे आरोप हैं कि अधिकारी 10 साल से अधिक समय से एक ही पुलिस स्टेशन में काम कर रहे हैं और वहां पक्षपात चल रहा है।
सीएम ने कहा कि निचले स्तर के पुलिस अधिकारियों और ड्रग तस्करों के बीच एक सांठगांठ थी, इसलिए राज्य पुलिस प्रमुख से पुलिस स्टेशन में तैनात अधिकारियों को तुरंत स्थानांतरित करने के लिए कहा गया है। उन्होंने साफ किया कि अगर कोई पुलिस अधिकारी ड्रग्स की बिक्री में शामिल पाया गया तो इसे पाप के रूप में देखा जाएगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी। उसे बर्खास्त कर दिया जाएगा। बाद में उससे पूछताछ की जाएगी ताकि पता लगाया जा सके कि यह कब से चल रहा था।
उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई भी ड्रग तस्कर पकड़ा जाएगा तो उसकी संपत्ति पकड़े जाने के एक सप्ताह के भीतर कुर्क कर ली जाएगी। मान ने कहा कि पंजाब में दस हजार पुलिस कर्मियों की भर्ती की जाएगी। 2002 में पंजाब पुलिस कर्मियों की संख्या 80-81 हजार थी और आज भी उतनी ही है।