बद्दी की फार्मा फैक्टरी से पांच राज्यों में चल रहा था नशीली दवाओं का नेटवर्क

नशीली दवाईयों का यह अंतरराज्यीय गिरोह पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में प्रतिबंधित नशीली दवाईयों की खेप पहुंचाकर बड़े स्तर पर नेटवर्क चला रहे थे। पुलिस टीमों ने चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन के पास ट्रांसपोर्टेशन वाहन में से 9.80 लाख नशीली गोलियां और कैप्सूल की खेप बरामद की।

पंजाब पुलिस ने नशीली दवाईयों के अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने इस गिरोह के मुख्य सरगना सहित 7 आरोपियों को दबोचा है। यह गिरोह उत्तर भारत के पांच राज्यों में नशीली दवाईयों का कारोबार व नेटवर्क चला रहा था।

हिमाचल प्रदेश के बद्दी स्थित एक फार्मा फैक्टरी से इन नशीली दवाईयों की खेप पांचों राज्यों में पुलिस की नाक के नीचे से पहुंचाई जाती थी। इसमें फार्मा फैक्टरी के कर्मचारियों की भी भूमिका भी सामने आई है। गिरोह के पास से पुलिस ने 70.42 लाख नशीली दवाईयों की गोलियां, 725 किलोग्राम ट्रामाडोल पाउडर और 2.37 लाख रुपये की ड्रग मनी बरामद की है।

फरवरी में बॉर्डर एरिया में पकड़ी नशीली दवाईयों के खेप से गिरोह का पता लगा
डीजीपी ने बताया कि अमृतसर बॉर्डर रेंज के एसटीएफ ने बीते फरवरी माह में दो आरोपियों को 4.24 लाख नशीली दवाईयों की गोलियों सहित एक लाख रुपये की ड्रग मनी के साथ दबोचा था। पकड़े गए आरोपियों की पहचान तरनतारन के गांव कोट मुहम्मद खान के सुखविंदर सिंह उर्फ धामी और अमृतसर के गोविंद नगर के जसप्रीत सिंह उर्फ जस्स के रूप में हुई थी।

जब एसटीएफ ने दोनों आरोपियों से इन नशीली दवाईयों की खेप के बारे में पूछताछ और तहकीकात की तो इसका लिंक हिमाचल प्रदेश के बद्दी से जुड़ी एक फैक्टरी के साथ पाया गया। एसटीएफ ने मिले सबूतों के आधार पर पांच राज्यों पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश ओर महाराष्ट्र में जब इस गिरोह के बाकी सगरनों का पता लगाया तो कुल 7 आरोपियों को दबोचा गया।

पांच राज्यों में छापामारी कर इन आरोपियों को एसटीएफ ने दबोचा
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि इन दो नशा तस्करों की गिरफ्तारी के बाद एसपी एसटीएफ विशालजीत सिंह और डीएसपी एसटीएफ वविंदर कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीमों ने इस रैकेट के मुख्य सरगना ऐलेक्स पालीवाल को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में ट्रेस करके गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। मुख्य सरगना ऐलेक्स पालीवाल के पास से पुलिस ने उसके कब्जे से 9.04 लाख नशीली गोलियां व कैप्सूल और 1.37 लाख रुपए की ड्रग मनी बरामद की। एसटीएफ ने जब आरोपी ऐलेक्स पालीवाल से पूछताछ की तो उसने हिमाचल प्रदेश के बद्दी की फार्मा फैक्टरी के बारे में बताया, जहां से यह नशीली दवाईयों कीखेप उठाई जाती थी।

खुलासा-8 महीने में 20 करोड़ से अधिक एल्पराजोलम गोलियों का निर्माण हुआ
पंजाब एसटीएफ ने जब हिमाचल प्रदेश में कार्यवाही करते हुए ड्रग कंट्रोल ऑफिसर सुखदीप सिंह और रमनीक सिंह की मौजूदगी में पुलिस टीमों ने बायोजैनेटिक ड्रग प्राईवेट लिमिटेड की जांच की और रिकॉर्ड जब्त किए। इन रिकॉर्डों से पता लगा कि कंपनी ने केवल आठ महीनों में 20 करोड़ से अधिक एल्पराजोलम गोलियों का निर्माण किया। रिकॉर्डों से महाराष्ट्र की मैसर्ज ऐस्टर फार्मा को की जाने वाली सप्लाई का भी पता लगा। इस संबंध में जांच से बद्दी स्थित बायोजैनेटिक ड्रग प्राईवेट लिमिटेड की दूसरी फार्मा निर्माण कंपनी स्माईलैक्स फार्मा कैम ड्रग इंडस्ट्रीज का पर्दाफाश हुआ। 

डीजीपी ने बताया कि स्माईलैक्स फार्मा कैम ड्रग इंडस्ट्रीज के खिलाफ की कार्यवाही के दौरान 47.32 नशीले कैप्सूल और 725.5 किलो नशीले ट्रामाडोल पाउडर-जो कि 1.5 करोड़ कैप्सूल बनाने के लिए काफी था, बरामद हुआ। रिकॉर्ड से पता लगा है कि स्माईलैक्स फार्मा कैम ड्रग इंडस्ट्रीज ने एक साल के अंदर 6500 किलोग्राम नशीला ट्रामाडोल पाउडर खरीदा था। इस नशीले पदार्थों की ट्रांसपोर्टेशन और वितरण संबंधित जांच करते हुए नशीले पदार्थों की तस्करी के अंतरराज्यीय नेटवर्क की जांच करते हुए 4 अन्य तस्करों को दबोचा गया, जिनकी पहचान इंतजार सलमानी, प्रिंस सलमानी, बलजिन्दर सिंह और सूबा सिंह के तौर पर हुई है।

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