- कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि 2016 में की गई नोटबंदी लोगों के हित में नहीं थी और इसने अर्थव्यवस्था पर विपरीत असर डाला है. इस आरोप का केंद्र सरकार ने बार-बार खंडन किया है
नई दिल्ली: देश में हजार रुपये का नोट बंद हुए चार साल पूरे हो गए. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि नोटबंदी से काले धन को कम करने में मदद मिली है, टैक्स में वृद्धि हुई है और पारदर्शिता बढ़ी है. वहीं नोटबंदी के मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस ने एक-दूसरे पर जमकर निशाना भी साधा.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि चार साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस कदम का मकसद अपने कुछ ‘उद्योगपति मित्रों’ की मदद करना था और इसने भारतीय अर्थव्यवस्था को ‘बर्बाद’ कर दिया. इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बीजेपी ने कहा कि नोटबंदी कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के दौरान व्याप्त भ्रष्टाचार और कालेधन की समस्या पर एक ‘हमला’ था.
गांधी और कांग्रेस आरोप लगाते रहे हैं कि 2016 में की गई नोटबंदी लोगों के हित में नहीं थी और इसने अर्थव्यवस्था पर विपरीत असर डाला है. इस आरोप का केंद्र सरकार ने बार-बार खंडन किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को टेलीविजन पर देश के नाम अपने संबोधन में उसी दिन आधी रात से 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी, जो उस समय चलन में थे.
प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के गिनाए फायदे-
नोटबंदी के चार साल पूरे होने के मौके पर पीएम मोदी ने अपने इस सरकार के फैसले के फायदों को गिनाया. उन्होंने ट्वीट में लिखा, “नोटबंदी ने कालेधन को कम करने में, कर अनुपालन बढ़ाने में और पारदर्शिता बढ़ी है. ये परिणाम देश की प्रगति के लिए बहुत लाभकारी रहे हैं.”
प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट के साथ एक ग्राफिक भी सेयर किया है, जिसमें दिखाया गया है कि किस तरह से नोटबंदी से कर जमा होने में वृद्धि हुई, कर और जीडीपी अनुपात बढ़ा, भारत अपेक्षाकृत कम नकदी आधारित अर्थव्यवस्था बना और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती मिली.
राहुल गांधी ने बांग्लादेश से की भारतीय अर्थव्यवस्था की तुलना-
वहीं नोटबंदी के विरोध में कांग्रेस के ऑनलाइन अभियान ‘स्पीक अप अगेंस्ट डिमो डिजास्टर’ के तहत जारी एक वीडियो में गांधी ने कहा कि सवाल यह है कि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था कैसे भारत की अर्थव्यवस्था से ‘आगे बढ़’ गई. क्योंकि एक समय था जब भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे अच्छे प्रदर्शन वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक थी.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, “चार साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक हमला शुरू किया था. उन्होंने किसानों, मजदूरों और छोटे दुकानदारों को नुकसान पहुंचाया था. मनमोहन सिंह जी ने कहा था कि अर्थव्यवस्था को दो प्रतिशत का नुकसान होगा, और यह हमने देखा था.” गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि यह काले धन के खिलाफ लड़ाई है, लेकिन ऐसा नहीं है.
“अर्थव्यवस्था की सफाई हुई”
वहीं बीजेपी ने कहा कि नोटबंदी देश के लिए अच्छी थी और इससे अर्थव्यवस्था की सफाई हुई. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव चंद्रशेखरन ने पार्टी मुख्यालय में कहा, “नोटबंदी व्यवस्थागत आर्थिक भ्रष्टाचार और काले धन की अर्थव्यवस्था के लिए एक झटका थी. तब से संगठित अर्थव्यवस्था मजबूत हुई और समाज के सभी वर्गों के लिए अप्रत्याशित आर्थिक लाभ लाई.”
चंद्रशेखरन ने कहा, “अगर कोई है जिसे लूट और अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन के बारे में बात नहीं करनी चाहिए तो वो कांग्रेस के लोग हैं. कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के बर्बाद 10 साल में देश की अर्थव्यवस्था में काला धन और भ्रष्टाचार अनियंत्रित था.