लोकसभा चुनाव में वाराणसी से लगातार तीसरी बार भाजपा प्रत्याशी के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मैदान में उतरेंगे। पिछले 10 साल में पीएम मोदी ने बतौर सांसद 43 बार अपने संसदीय क्षेत्र का दौरा किया है। पूर्वांचल से बिहार और पूर्वी भारत तक की सियासत को पीएम मोदी के जरिये भाजपा वाराणसी से ही साधने का प्रयास करेगी।
आजादी के बाद यह पीएम मोदी के सामने उस रिकाॅर्ड की बराबरी का भी मौका होगा, जब काशी से लगातार तीन बार सांसद हो सकते हैं। इससे पहले कांग्रेस के रघुनाथ सिंह और भाजपा के शंकर प्रसाद जायसवाल के लगातार तीन बार वाराणसी सांसद का रिकाॅर्ड है।
वाराणसी सीट पर पीएम मोदी से पहले भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी का कब्जा था। 2014 में भाजपा ने प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को वाराणसी सीट से उतारकर देश भर में हिन्दुत्व के मसले को साधा था। तब आप आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने वाराणसी सीट से चुनाव लड़ा था। मोदी ने 3 लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी। केजरीवाल 2 लाख वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे थे।
देश की हिन्दू आस्था के बड़े केंद्र काशी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का निर्माण करवाकर दक्षिण से उत्तर और पूरब से पश्चिम तक के मतदाताओं में जगह बनाई। 2019 में दोबारा पीएम मोदी वाराणसी से चुनावी रण में उतरे तो नामांकन के बाद वे एक बार भी प्रचार करने नहीं आए।
इसके बावजूद उन्होंने अपने ही रिकार्ड को तोड़कर बड़ी जीत हासिल की। उन्होंने सपा की शालिनी यादव को करीब पांच लाख मतों से पराजित किया था। कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद श्याम लाल यादव की बहू शालिनी यादव ने पिछले दिनों भाजपा में शामिल हो गई है
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