प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक के दौरान आगामी बजट में वृद्धि को बढ़ावा देने वाले उपायों पर चर्चा होगी। उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2021-22 का बजट एक फरवरी को पेश किए जाने की संभावना है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ऐसे समय में यह बजट पेश करेंगी, जब कोविड-19 को लेकर कई मोर्चों पर विभिन्न तरह की अनिश्चितताएं बनी हुई हैं। नीति आयोग इस वर्चुअल बैठक का आयोजन कर रहा है। इस बैठक में नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार और सीईओ अमिताभ कांत भी हिस्सा लेंगे।

सरकार के एक अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि प्रधानमंत्री शुक्रवार को अर्थशास्त्रियों से मुलाकात करेंगे। इस दौरान वह अगले बजट (वित्त वर्ष 2021-22) को लेकर अर्थशास्त्रियों की राय लेंगे।
यह बैठक काफी महत्व रखता है क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का अनुमान है कि 31 मार्च, 2021 को समाप्त हो रहे चालू वित्त वर्ष में देश की इकोनॉमी में 7.5 फीसद का संकुचन देखने को मिल सकता है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक ने क्रमशः 10.3 फीसद और 9.6 फीसद की गिरावट का अनुमान प्रकट किया है।
हालांकि, भारत की इकोनॉमी में सितंबर तिमाही में उम्मीद से बेहतर रिकवरी देखने को मिली। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में वृद्धि से जीडीपी संकुचन को 7.5 फीसद पर थामने में मदद मिली। दूसरी ओर, उपभोक्ता मांग में वृद्धि होने से आने वाले समय में स्थिति के और बेहतर होने की उम्मीद पैदा हुई है। इससे पिछले वित्त वर्ष यानी 2019-20 में देश की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार 4.2 फीसद पर रही थी।
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