प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारत-डेनमार्क डिजिटल शिखर सम्मेलन के दौरान डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फेडरिक्सेन के साथ वार्ता की। सम्मलेन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोविड-19 ने हमें दिखाया है कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की एक ही स्रोत पर निर्भरता खतरनाक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ आपूर्ति श्रृंखला के विविधीकरण और लचीलेपन को लेकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दूसरे देश जो ऐसा विचार रखते हैं वह भी इस प्रयास में शामिल हो सकते हैं। बता दें कि डेनमार्क के साथ पिछले कुछ सालों में द्विपक्षीय संबंधों का विस्तार हुआ है।
डेनमार्क की प्रधानमंत्री से बात करते समय पीएम मोदी ने उन्हें विवाह की शुभकामनाएं दीं। मोदी ने कहा, ‘मैं आपको आपके विवाह के लिए शुभकामनाएं देता हूं। मैं उम्मीद करता हूं कि कोविड-19 की स्थिति सामान्य होने के बाद हमें आपका और आपके परिवार का भारत में स्वागत करने का मौका मिलेगा।’
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, ‘मुझे विश्वास है कि आपकी बेटी दोबारा भारत आने के लिए उत्साहित होगी।’ इसके जवाब में डेनमार्क की प्रधानमंत्री फेडरिक्सेन ने कहा, ‘शुभकामनाओं के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। मेरी बेटी दोबारा भारत आना बिल्कुल पसंद करेगी और मेरा परिवार के साथ भी ऐसा ही है।’
इससे पहले शनिवार को भारत और डेनमार्क ने बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) के क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सहयोग बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) शुरू किया था। इसके तहत दोनों पक्ष एमओयू को लागू करने के लिए एक द्विवार्षिक कार्य योजना तैयार करेंगे, जिसमें सहयोग गतिविधियों को पूरा करने की विस्तृत योजना शामिल होगी।
एमओयू का उद्देश्य अधिकारियों, व्यवसायों और अनुसंधान तथा शैक्षणिक संस्थानों के बीच आईपी जागरूकता पर सर्वोत्तम प्रथाओं, अनुभवों व ज्ञान के आदान-प्रदान के माध्यम से दोनों देशों के बीच आईपी सहयोग को बढ़ाना होगा। इसके साथ ही इस एमओयू का लक्ष्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों, विशेषज्ञों के आदान-प्रदान, तकनीकी आदान-प्रदान और आउटरीच गतिविधियों में सहयोग को बढ़ाना है।
उत्तरी यूरोप में डेनमार्क के साथ पिछले कुछ वर्षों में भारत के द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों का विस्तार हुआ है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भारत और डेनमार्क के बीच वस्तु और सेवाओं में द्विपक्षीय व्यापार 2016 और 2019 के बीच 30.49 प्रतिशत बढ़ा और यह 2.82 अरब डॉलर से 3.68 अरब डॉलर हो गया।
डेनमार्क की करीब 200 कंपनियों ने भारत में जहाजरानी, नवीन ऊर्जा, पर्यावरण, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में निवेश किया है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि डेनमार्क में सूचना-प्रौद्योगिकी, नवीन ऊर्जा और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में करीब 25 भारतीय कंपनियां काम कर रही हैं।