गुजरात में एक दिव्यांग छात्र ने अपने जुनून से अपनी कमजोरियों को मात दे दी है। वडोदरा के रहने वाले शिवम सोलंकी ने 12वीं की कक्षा में 92 प्रतिशत नंबर प्राप्त किए हैं। शिवम जिंदादिली और जज्बे के दम पर सफलता की राह बना रहा है।

2011 में बिजली के 11 हजार वोल्ट की चपेट में आने से शिवम ने दोनों हाथ-पैर गंवा दिए थे। लेकिन अब शिवम ने 12वीं की परीक्षा 92.33 प्रतिशत अंकों के साथ पास की है। इससे पहले शिवम ने 10वीं कक्षा में 89 प्रतिशत नंबर प्राप्त किए थे।
छात्र का कहना है वह डॉक्टर बनना चाहता है। शिवम बिना राइटर के परीक्षा देता है। दस्ताने में छेद कर वो पेन को पकड़ता है और खुद ही अपने जवाब लिखता है। शिवम के मुताबिक, नौ साल पहले यह हादसा पतंग उड़ाने के दौरान हुआ था।
शिवम ने बताया, मैं परीक्षा के लिए पूरे दिन पढ़ता रहता था। मेरे शिक्षकों ने परीक्षा की तौयारी में मेरी काफी मदद की, जिसके चलते मैं 92.33 प्रतिशत अंक ला पाया।
मैं परीक्षा में पास हुए बच्चों को ये संदेश देना चाहता हूं कि वो भविष्य में अपने लक्ष्य को पाने के लिए खूब मेहनत करें।
वहीं, शिवम ने कम नंबर लाने वाले छात्रों को भी खूब मेहनत करने की सलाह दी। शिवम के पिता वडोदरा नगर निगम में चौथी श्रेणी के कर्मचारी हैं। शिवम को हमेशा अपने माता-पिता और शिक्षकों की ओर से प्रोत्साहन मिलता रहा है।
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