नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के उरी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान से बदला लेने तैयारी शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री आवास पर चल रही बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल समेत गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, मनोहर पर्रिकर के अलावा रॉ चीफ के साथ ही कैबिनेट कमेटी ऑफ सिक्योरिटी के सभी सदस्य मौजूद हैं
इधर सेना ने भी अपने 20 सैनिकों की शहादत का बदला लेने के लिए खाका तैयार कर लिया है। बस अब इस बारे में सरकार से इजाजत मिलने की देर है।
पाक को मिलेगा उसकी नापाक हरकतों का सबक –
ख़बरों के मुताबिक भारतीय सेना अब पाकिस्तान से सटी 778 किमी लंबी एलओसी पर अपनी ताकत और मजबूत करने वाली है। एलओसी पर सेना की तैनाती बढ़ाने का फैसला रणनीति के तहत लिया गया है जिससे पाकिस्तानी सेना को नुकसान पहुंचाया जा सके।
मोदी सरकार के सामने भारतीय सेना ने रखी ये मांग –
भारतीय सेना ने इसके साथ ही कई और मोर्चों पर अपनी तैयारी मजबूत की है। सेना अपनी इन मांगों के साथ मोदी सरकार के सामने जल्द ही पहुंच सकती है –
सेना एलओसी पर तोपों की तैनाती और अन्य ऑपरेशंस को मंजूरी देने की मांग रखेगी। भारतीय सुरक्षा बलों का एक बड़ा तबका चाहता है कि केंद्र सरकार को पाकिस्तानी सीमा के भीतर सीमित, लेकिन कड़े हमले करने की मंजूरी देने पर विचार करना चाहिए।
इन्फैंट्री यूनिट्स की ओर से ट्रांस-बॉर्डर ऑपरेशन चलाने की इजाजत भी मांगी जाएगी। वहीं 90 किलोमीटर तक मार करने वाले स्मर्च रॉकेट्स की मौके पर तैनाती की मांग। साथ ही करीब 300 किलोमीटर तक मार कर सकने वाली ब्रह्मोस मिसाइल के इस्तेमाल किए जाने की इजाजत भी मांगी जाएगी। एलओसी पर तैनात आर्मी बटालियनों और वेस्टर्न फ्रंट पर एयर फोर्स के एयरबेस को ‘फुल अलर्ट’ पर रखे जाने की तैयारी की जा रही है।
अगर भारतीय सेना की ओर से पाकिस्तानी क्षेत्र में जाकर हमले पर विचार नहीं किया जाएगा, तो एलओसी पार किए बिना ही पाक सैनिकों को करारा जवाब देने की रणनीति पर जोर। भारतीय सेना की तरफ से हथियार भंडारों को टारगेट करना और पाकिस्तानी सीमा चौकियों पर भारी मोर्टार दागने जैसी कार्रवाई की मांग राखी जाएगी।
सीमापार आतंकी कैंप होंगे निशाने पर –
सूत्रों के अनुसार, भारत पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी कैंपों पर हमला कर सकता है। सूत्रों के अनुसार, बैठक में एलओसी पार आतंकी कैंपों पर कार्रवाई पर विचार किए जाने की संभावना है। सेना की ओर से कार्रवाई के विकल्पों पर पीएम मोदी को जानकारी दी जाएगी। कार्रवाई के विकल्पों को लेकर पीएम को प्रेजेंटेशन भी दिया जाएगा।