नीतीश कुमार 7वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री चुने गए हैं. पहली बार 3 मार्च 2000 को वह मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए थे लेकिन बहुमत साबित ना कर पाने के कारण केवल 7 दिनों में ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. लेकिन जब 2005 में लालू यादव के पंद्रह वर्ष से चले आ रहे एकाधिकार को समाप्त कर नीतीश कुमार ने एनडीए गठबंधन को बिहार विधानसभा चुनाव में जीत दिलवाई तब उन्हें ही प्रदेश का मुख्यमंत्री चुना गया. उन्होंने अपना यह कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा किया. मुख्यमंत्री के रूप में उनका तीसरा कार्यकाल 26 नवंबर, 2010 से 20 मई 2014 तक चला. जिसके बाद जीतन राम मांझी ने सत्ता संभाली.
22 फरवरी 2015 को नीतीश कुमार ने चौथी बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. यानी बिहार की 15वीं विधानसभा में तीन बार सीएम पद की शपथ दिलाई गई, पहले नीतीश कुमार को फिर जीतन राम मांझी को और फिर वापस नीतीश कुमार को. नीतीश कुमार का चौथा कार्यकाल 22 फरवरी से 20 नवंबर 2015 तक चला. 16वीं विधानसभा के लिए हुए चुनावों के बाद नीतीश कुमार ने पांचवी बार सीएम पद की शपथ ली.
नीतीश कुमार का पांचवा कार्यकाल 20 नवंबर 2015 से लेकर 26 जुलाई 2017 तक चला. 26 जुलाई 2017 को उन्होंने आरजेडी और कांग्रेस के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. 27 जुलाई 2017 को बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के 24 घंटे के बाद नीतीश कुमार ने बीजेपी और एनडीए के समर्थन से बिहार के 6वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की.