Plane crash in Kazakhstan कजाकिस्तान में 98 लोगों को ले जा रहा विमान क्रैश हो गया है। समाचार एजेंसी रॉयटर के मुताबिक, अलमाटी एयरपोर्ट के पास यह हादसा हुआ है। हादसे में अभी तक 15 लोगों की मौत हो गई है। उड़ान भरने के फौरन बाद यह हादसा हुआ। विमान एक इमारत से टकराकर कई हिस्सों में टूट गया। घटनास्थल पर राहत और बचाव अभियान जारी है। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। विमान में 93 यात्री और पांच क्रू मेंबर सवार थे। फिलहाल, विमान हादसे के कारणों का पता नहीं चल सका है। हादसे की जांच के लिए एक सरकारी आयोग का गठन किया गया है।
समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय समय के अनुसार सुबह 7.05 बजे अल्माटी एयरपोर्ट से टेक ऑफ के कुछ ही मिनट बाद बेक एयर फ्लाइट 2100 का संपर्क टूट गया। अल्माटी हवाईअड्डे के अधिकारियों ने बताया कि सुबह 7 बजकर 22 मिनट पर विमान ने अपना संतुलन खो दिया। विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद कंक्रीट के बाड़े और दो मंजिला मकान से टकरा गया। समाचार एजेंसी रॉयटर ने बताया है कि हादसे में 66 लोग घायल हुए हैं जिनमें से 50 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अल्माटी हवाईअड्डे ने अपने फेसबुक पेज पर बताया कि विमान में कोई आग नहीं लगी। हादसे के तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य शुरु हो गया। विमान नूर-सुल्तान जा रहा था।
यह विमान दो टर्बोफैन वाला जेट एयरलाइनर फोक्कर-100 था जिसका निर्माण करने वाली कंपनी 1996 में दिवालीया हो गई थी। साल 1997 में फोक्कर-100 विमानों का निर्माण रुक गया था। एएफपी की रिपोर्ट में बताया गया है कि कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कासिम-जोमार्त तोकायेव ने पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद देने की बात कही है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हादसा किन परिस्थितियों में हुआ इसकी जांच के लिए सरकारी आयोग गठित किया गया है। हादसे के जिम्मेदार अधिकारियों को कानून के मुताबिक सजा दी जाएगी।
अभी हाल ही में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के शहर गोमा में एक प्लेन क्रैश में 27 लोगों की मौत हो गई थी। यह दुर्घटना एक सघन आबादी वाले इलाके में हुई थी। पिछले साल अक्टूबर में इंडोनेशिया एयरलाइंस और इस साल मार्च में इथोपिया एयरलाइंस का बोइंग 737 मैक्स विमान उड़ान भरने के कुछ मिनटों बाद क्रैश हो गया था। इन हादसों में करीब 350 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद 737 मैक्स विमानों की डिजाइनिंग में इस्तेमाल तकनीकों को लेकर सवाल उठे थे। बाद में कंपनी को इन विमानों को सेवा से हटाना पड़ा था, जिससे उसे अरबों का नुकसान उठाना पड़ा था।