हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र की कंपनी ओयो (OYO) के बारे में मंगलवार से ही कई इस तरह की न्यूज रिपोर्ट्स सामने आईं, जिनमें बताया गया था कि ओयो ने इंसॉल्वेंसी एवं बैंकरप्सी कोड, 2016 के तहत दिवाला प्रक्रिया के लिए आवेदन किया है। अब बुधवार को कंपनी के सीईओ रितेश अग्रवाल ने ट्वीट कर इन दावों को सिरे से खारिज किया है। दरअसल, ओयो ग्रुप की सब्सिडियरी ओयो होटल्स एंड होम्स प्राइवेट लिमिटेड (OHHPL) के खिलाफ एनसीएलटी (NCLT) की अहमदाबाद की एक बेंच ने कॉरपोरेट इंसॉल्वेंसी प्रक्रिया की अनुमति दी है। इसी के चलते ओयो के दिवालिया होने की अफवाह फैली।
ओएचएचपीएल के खिलाफ कॉरपोरेट इंसॉल्वेंसी प्रक्रिया की अनुमति एक ऑपरेशनल क्रिएटर द्वारा 16 लाख रुपये के बकाए को लेकर ओयो की इस सब्सिडियरी के खिलाफ किये गए आवेदन पर आधारित है। हालांकि, एनसीएलटी के इस आदेश को ओयो ने एनसीएलएटी में चुनौती दी है। आइए जानते हैं कि ओयो के सीईओ ने इस बारे में क्या कहा है।
रितेश अग्रवाल ने अपने ट्वीट में कहा, ‘ऐसे मैसेज और पीडीएफ को सर्कुलेट किया जा रहा है, जिनमें ओयो द्वारा दिवालिया होने के लिए आवेदन करने की बात कही जा रही है। ये खबरें सरासर गलत हैं। एक दावेदार ने ओयो की सब्सिडियरी से 16 लाख रुपये के बकाए की मांग करते हुए NCLT में याचिका डाली थी।’
अग्रवाल ने आगे कहा, ‘ओयो पहले ही यह भुगतान कर चुकी है। ओयो ने इस मामले में NCLAT में अपील की है। ओयो महामारी के प्रभाव से धीरे-धीरे उबर रही है और हमारे सबसे बड़े बाजारों में कंपनी मुनाफे के साथ परिचालन कर रही है।’