सिंधु घाटी सभ्यता पर हुई रिसर्च के मुताबिक, 5000 से 7000 ईसापूर्व हड़प्पा और मोहनजोदाड़ो में ऐसे कई नरकंकाल मिले हैं, जिससे पता चलता है कि उन्हें किसी भयंकर अस्त्र से मारा गया था। इसके अलावा यहां ऐसे कई सबूत मिले हैं, जिससे ये पता चलता है कि किसी काल में यहां अत्यधिक मात्रा में रेडिएशन पैदा हुआ था, जितना किसी परमाणु बम के विस्फोट के बाद होता है।
महाभारत में इस बात का उल्लेख मिलता है कि दो ब्रह्मास्त्रों के आपस में टकराने से भयंकर तबाही जैसे हालात बन जाते थे। ऐसे हालात कि पूरी पृथ्वी के ही खत्म होने का डर रहता था। रामायण में भी इस बात का जिक्र मिलता है कि ब्रह्मास्त्र का इस्तेमाल बहुत ही खतरनाक माना जाता था।