इंडोनेशिया में एक दस साल के बच्चे का वजन नूडल्स और कोला की वजह से 200 किलो तक हो गया।आर्य मोसंत्री की मां रकैया और पिता अदे सोमंत्री कहते हैं कि उनका बेटा तीन आदमियों के बराबर खाना खाता था। आर्य का 17 अप्रैल को ऑपरेशन भी किया गया था लेकिन इसके बाद भी उसका वजन महज 9 किलो तक ही कम हो सका। हालांकि ऑपरेशन के दो महीने बाद आर्य का 16 किलो वजन और कम हो गया है। दूसरी तरफ डॉक्टरों का दावा है कि उन्हें सर्जरी कर आर्य के पेट का आकार करीब 85 फीसदी तक कम कर दिया है।
इंडोनेशिया में एक दस साल के बच्चे का वजन नूडल्स और कोला की वजह से 200 किलो तक हो गया। ज्यादा वजन की वजह से बच्चा ना तो स्कूल जा पा रहा था और ना ही ठीक से चल पा रहा था। लगातार बच्चे का वजन बढ़ने की वजह से उसकी सर्जरी करनी पड़ी है। हालांकि सर्जरी के बाद भी उसका वजन अन्य बच्चों के मुकाबले बहुत ज्यादा है। खबर के अनुसार बच्चे का नाम आर्य मोसंत्री है जोकि दिन में पांच बार खाता था। खाने में आर्य कोक के साथ इंस्टेंट नूडल्स, चावल, मीट और मछली लेता था।
आर्य के माता-पिता किसान हैं, जिनका कहना है कि दिन में कई बार खाना खाने के बाद भी वो पूरे दिन भूख-भूख करता रहता था। बाद में जब डॉक्टरों को दिखाया तो वो आर्य के इतने वजन को देखकर चौंक गए। डॉक्टरों ने बच्चे मांस-मछली छोड़कर स्वास्थ्यवर्धक भोजन देने की सलाह दी। लेकिन इसके बाद भी उसके वजन पर कोई फर्क नहीं पड़ा। और आखिर में डॉक्टरों को उसकी सर्जरी करनी पड़ी।
मामले में जानकारी देते हुए आर्य मोसंत्री की मां रकैया और पिता अदे सोमंत्री कहते हैं कि उनका बेटा तीन आदमियों के बराबर खाना खाता था। आर्य का 17 अप्रैल को ऑपरेशन भी किया गया था लेकिन इसके बाद भी उसका वजन महज 9 किलो तक ही कम हो सका। हालांकि ऑपरेशन के दो महीने बाद आर्य का 16 किलो वजन और कम हो गया है। दूसरी तरफ डॉक्टरों का दावा है कि उन्हें सर्जरी कर आर्य के पेट का आकार करीब 85 फीसदी तक कम कर दिया है।
आर्य की मां रकैया कहती हैं कि नाप के कपड़े नहीं मिलने की वजह से उनका बेटा स्कूल नहीं जा पा रहा है। वह घर के एक बाथटब में बैठा रहता है। उसके नाप के कपड़े भी नहीं है। मां रकैया आगे कहती हैं, ‘उसे अब नूडल्स, चावल, कोला और मांस देना बंद कर दिया है। हमें उम्मीद है कि उसका वजन एक दिन सामान्य हो जाएगा और वो उम्र के अन्य बच्चों के साथ स्कूल जाएगा।’ हालांकि आर्य को भूख अब भी लगती है लेकिन उसका पेट अब इतना बड़ा नहीं है कि वो बहुत ज्यादा भोजन कर सके।