केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के लिए मंगलवार को 8,500 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया. देशभर में नेशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटीजन (NRIC) तैयार करने की दिशा में सरकार का यह दूसरा बड़ा कदम है. इसके पहले 31 जुलाई, 2019 को सरकार ने ऑफिशियल गजट में नोटिफिकेशन के द्वारा एनपीआर के लिए कदम आगे बढ़ाए थे.
NRIC असल में NRC ही है, बस अंतर यह होगा कि इसमें असम को शामिल नहीं किया जाएगा, जहां पहले ही एनआरसी लागू हो चुका है. देशभर में NRIC लागू करने से पहले एनपीआर तैयार किया जाएगा, जिसकी बाद में जांच और पुष्टि की जाएगी. इसमें न केवल ‘सामान्य निवासियों’ की सूची तैयार की जाएगी बल्कि ‘अवैध प्रवासियों’ और ‘संदिग्ध नागरिकों’ की पहचान भी की जाएगी.
देशभर में अभी नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 (CAA) और एनआरसी का विरोध हो रहा है, क्योंकि इसमें बाहर से आए मुस्लिमों को नागरिकता नहीं देने की बात कही गई है, लेकिन एनपीआर में ‘संदिग्ध नागरिकता’ की पहचान की बात कही गई है.
‘संदिग्ध नागरिकता’ का प्रावधान सिटीजनशिप रूल्स, 2003 (रजिस्ट्रेशन ऑफ सिटीजन्स ऐंड इश्यू ऑफ नेशनल आइडेंडिटी कार्ड्स) में दिया गया है, जिसके तहत ही NPR तैयार किया जा रहा है.