जेन जी (Gen Z) ने नेपाल में तख्ता पलट कर दिया है। युवाओं का गुस्सा शांत होता नहीं दिख रहा। सत्तारूढ़ वर्ग के प्रति जेन जी का आक्रोश सोशल मीडिया पर दिख रहा है। नेताओं के बच्चों व सगे-संबंधियों की विलासितापूर्ण जिंदगी, परिवारवाद व भ्रष्टाचार ने नेपाल के युवाओं के आक्रोश की आग में घी डालने का काम किया है।
सोशल मीडिया पर युवाओं ने नेताओं के बच्चों की ऐशो-आराम वाली जिंदगी की तस्वीरें और वीडियो शेयर किए। संसद परिसर तक पहुंचे युवाओं ने नारे लगाए कि हमारा टैक्स, तुम्हारी रईसी नहीं चलेगी। ये सिर्फ गुस्से-गुबार का इजहार नहीं है, बल्कि एक डिजिटल विद्रोह है जो अब सड़कों पर दिखाई दे रहा है। सोशल मीडिया बैन ने बस उस आग में घी डालने का काम किया, जिसके पीछे लंबे समय से जमा हताशा और आक्रोश पल रहा था।
परिवारवाद के आरोप
नेपाल की राजनीति में परिवारवाद राजधानी से लेकर गांव-कस्बों तक फैला हुआ है। नेपाली कांग्रेस में देउबा परिवार के कई सदस्य राजनीति में हैं। उदाहरण के तौर पर केपी ओली की रिश्तेदार अंजन शक्य को नेशनल असेंबली सदस्य बनाने की सिफारिश की गई और राष्ट्रपति ने उनकी नियुक्ति भी कर दी।
करीबी रिश्तेदार बने राजदूत
ऑस्ट्रेलिया, कतर, बांग्लादेश और स्पेन के लिए नेपाल के राजदूत के चुनाव पर गंभीर सवाल उठे। आरोप हैं कि इनमें से कई नेताओं के रिश्तेदार या नजदीकी थे, जबकि योग्य लोगों की अनदेखी कर दी गई। महेश दहाल को ऑस्ट्रेलिया का राजदूत बनाया गया, जो माओवादी नेता प्रचंड (पुष्प कमल दहाल) के करीबी रिश्तेदार बताए जाते हैं। नारद भारद्वाज को कतर भेजा गया। वह केपी शर्मा ओली के भरोसेमंद बताए जाते हैं।
राष्ट्रपति और सेना प्रमुख ने की संयम बरतने व वार्ता की अपील
राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने आंदोलनकारियों से शांतिपूर्ण समाधान के लिए संयम बरतने और वार्ता में शािमल होने की अपील की है। उन्होंने कहा, देश कठिन हालात से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री ओली का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है, इसलिए गतिरोध का समाधान खोजने के लिए देश, लोगों और लोकतंत्र से प्रेम करने वाले सभी पक्षों के सहयोग की जरूरत है।
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