केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को लिखे पत्र में एनसीपीसीआर ने लिखा है कि इन एप पर स्कूली बच्चों से जुड़े यौन संबंधों के परेशान करने वाले कंटेंट प्रसारित करने का भी आरोप है। साक्ष्य के रूप में स्क्रीनशाट भी साझा किया गया है। आरोप है कि एप ने नो योर कस्टमर (केवाईसी) या आयु-सत्यापन प्रणाली से जुड़े नियमों का पालन भी नहीं किया गया है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने उन एप के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है जिन पर आपत्तिजनक कंटेंट प्रसारित करने का आरोप है। एनसीपीसीआर ने यह कदम एक शिकायत के बाद उठाया है जिसमें इन एप के माध्यम से प्रसारित आपत्तिजनक कंटेंट और इन कंटेंट की बच्चों तक पहुंच को लेकर चिताएं जताई गई हैं।
अश्लील कंटेंट प्रसारित करने वाले एप पर होगा एक्शन
यह यौन अपराधों से बच्चों को बचाने के लिए बने कानून पोक्सो की धारा 11 का उल्लंघन है। एनसीपीसीआर ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) कानून की धारा 13 के तहत मामले की पूरी तरह से जांच करने और अश्लील कंटेंट प्रसारित करने वाले एप और प्लेटफार्मों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
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