भारतीय रज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि भारत की गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFCs) के लिए ऋण के प्रवाह को जल्द ही गति मिलनी चाहिए। उन्होंने यह बात आज शुक्रवार को बिजनेस स्टैंडर्ड को दिये एक इंटरव्यू में कही। शक्तिकांत दास ने कहा कि रिज़र्व बैंक टॉप 50 गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की करीब से निगरानी और जांच कर रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक की इन कंपनियों के वित्त प्रवाह और बाकी आंकड़ों पर पैनी नजर है।

दास ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इन कंपनियों का वित्त प्रवाह बहुत जल्द ही अच्छी गति पकड़ लेगा। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, देश में एनबीएफसी और शेडो बैंक इस क्षेत्र के बड़े खिलाड़ी IL&FS के पतन के बाद से ही तरलता की बड़ी कमी महसूस कर रहे हैं। इनमें से कई कंपनियों का कारोबार ताजा फंडिंग के अभाव में ठप सा पड़ गया जिससे देश की अर्थव्यवस्था पर काफी विपरीत प्रभाव पड़ा, जो कि पिछले चार सालों से मंदी झेल रही है।
मौद्रिक नीति में किये गए सुधारों को बैंकों द्वारा ग्राहकों तक पहुंचाने की बात पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ब्याज दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने का यह अनुकूल समय है। नए ऋण के लिए तो ऐसा किया ही जा सकता है।
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