मध्यप्रदेश में चल रहे किसानों के प्रदर्शन ने मंगलवार को हिंसक रूप ले लिया. मंदसौर में धरने पर बैठे किसानों पर पुलिस ने फायरिंग की. फायरिंग में एक किसान की मौत हो गई. जबकि 3 किसान जख्मी हो गए. 
मंदसौर में किसानों पर पुलिस की फायरिंग के बीच प्रशासन ने इलाके में इंटरनेट सेवाओं पर भी बैन लगा दिया है. मंदसौर, रतलाम और उज्जैन में इंटरनेट सेवा पूरी तरीके से बंद कर दी गई है. साथ ही बल्क मैसेज करने पर भी पाबंदी लगा दी गई है.
राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने आंदोलन को और बड़ा रूप देने की चेतावनी दी है. किसान मजदूर संघ ने बुधवार को प्रदेश व्यापी बंद का ऐलान किया है.
किसानों के प्रदर्शन के बीच अलग-अलग इलाकों से झड़प की खबरें आ रही हैं. सुवासरा में किसानों और व्यापारियों के बीच झड़प का मामला सामने आया है. व्यापारियों ने विरोध में अनिश्चितकाल के लिए पूरा शहर बंद कर दिया है.
इससे पहले मंदसौर में आक्रोशित किसानों ने दलौदा स्टेशन पर रेलवे फाटक तोड़ दिया था. साथ ही पटरियों की फिश प्लेट निकालने का भी किसानों पर आरोप लगा था. इसके अलावा दूसरी सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया.
सीएम ने बताया था असामाजिक तत्व
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को अपनी सरकार को किसान हितैषी बताया था. उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार सदैव किसानों के कल्याण के लिये कार्य करती है. जो लोग आंदोलन समाप्त होने की घोषणा के बाद भी हिंसा एवं उपद्रव कर रहे हैं, वे किसान नहीं, बल्कि असामाजिक तत्व हैं.
बता दें कि मध्य प्रदेश के किसानों ने फसल के वाजिब दाम समेत 20 सूत्रीय मांगों को लेकर एक जून से 10 जून तक आंदोलन की घोषणा की है.
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