भोपाल के अरेरा हिल्स क्षेत्र में एक आधुनिक और ऊर्जा-संवेदनशील प्रशासनिक परिसर तैयार किया जाएगा, जिसे दिल्ली के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। इस परियोजना को साधिकार समिति ने स्वीकृति दे दी है। यह कार्य मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड के माध्यम से किया जाएगा। वर्तमान में उपयोग हो रहे सतपुड़ा और विंध्याचल भवनों को नए भवन बनने के बाद ही गिराया जाएगा, ताकि सरकारी कामकाज में कोई व्यवधान न आए। वल्लभ भवन के समीप नए भवनों के निर्माण के बाद ही विभागों को शिफ्ट किया जाएगा। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने नगर निगम और कलेक्टर को निर्देश दिए हैं कि अरेरा हिल्स क्षेत्र की झुग्गी बस्तियों का जल्द से जल्द पुनर्वास सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, हाउसिंग बोर्ड को निर्देशित किया गया है कि 15 दिन के भीतर यह तय करें कि किन विभागों को नए भवन में स्थानांतरित किया जा सकता है। इसके लिए विभागाध्यक्षों से चर्चा की जाएगी। बोर्ड को आगामी दो माह में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) प्रस्तुत करनी होगी।
ग्रीन बिल्डिंग की अवधारणा पर होगा विकास
मुख्य सचिव ने सुझाव दिया है कि नए भवन “ग्रीन बिल्डिंग” अवधारणा पर आधारित हों, जिससे ऊर्जा की खपत न्यूनतम हो। यह संपूर्ण योजना अगले 50 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है।
लोगों की सुविधा के लिए बेहतर कनेक्टिविटी और पाथ-वे
इस प्रशासनिक जोन को भोपाल मेट्रो के ऑरेंज और ब्लू रूट से जोड़ा जाएगा। क्षेत्र में लोगों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए कवर पाथ-वे बनाए जाएंगे, जिनमें हॉकर्स कॉर्नर और साप्ताहिक बाजार जैसी व्यवस्थाएं भी होंगी।
स्मार्ट ट्रैफिक और वीआईपी मूवमेंट के लिए अलग व्यवस्था
नई योजना में हर सड़क की स्मार्ट प्लानिंग होगी। वीआईपी मूवमेंट के लिए अलग लेन की व्यवस्था की जाएगी, जिससे आम जनता को किसी प्रकार की परेशानी न हो। मौजूदा भवनों के बाहर की सड़कों पर होने वाली गाड़ियों की भीड़ को ध्यान में रखते हुए नई व्यवस्था बनाई जाएगी।
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