NDI=btun> bt˜t clt;u hbuN lubt> VUtuxtu-lRo=wrlgt ----------- mkckr"; Fch--NfUh fUe atNle mu cle beXe bt˜t FÀb fUht =u;e ni mr=gtuk fUt ytvme cih

MP के बुंदेलखंड में शकर की चाशनी से बनी माला खत्म करा देती है सदियों का आपसी बैर

Holi 2020 मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड में होली के पर्व से जुड़ी अनूठी परंपरा का निर्वाह किया जाता है। दमोह जिले में शकर की चाशनी से बनी माला का निर्माण किया जाता है। इस माला से दो लोगों के बीच चल रहा सदियों का बैर थोड़ी ही देर में खत्म हो जाता है। इस माला का निर्माण साल में सिर्फ एक बार होली के त्योहार पर ही किया जाता है।

तो दूसरा पक्ष भी अपनी ओर से बैर खत्म कर देता है

दरअसल, यहां की परंपरा है कि कितना ही पुराना बैर क्यों न हो, यदि एक पक्ष सामने आकर विरोधी पक्ष को तिलक लगाकर शकर की माला पहना दे तो दूसरा पक्ष भी अपनी ओर से बैर खत्म कर देता है। इस माला का निर्माण करने वाले स्टेशन चौराहा निवासी रमेश नेमा ने बताया कि माला बनाने का काम पुश्तैनी है।

नौकरी न कर अपने बुजुर्गों की परंपरा को बनाए रखने की खातिर

जिले में उनके अलावा और कहीं इसका निर्माण नहीं होता। रमेश नेमा बीएससी, एमए और एलएलबी हैं, लेकि न उन्होंने नौकरी न कर अपने बुजुर्गों की परंपरा को बनाए रखने की खातिर इस कारोबार को जारी रखा। उनकी पत्नी गीता नेमा भी इस काम में उनका सहयोग करती हैं।

ऐसे बनती है माला

नेमा ने बताया कि उनकी तीसरी पीढ़ी इस मीठी माला को बना रही है। शकर की चाशनी को धागे के साथ सांचे में भरकर सूखने रख दिया जाता है और जब चाशनी सूख जाती है तो इन सांचों को खोल दिया जाता है। इससे यह माला तैयार हो जाती है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com