ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टैनली (Morgan Stanley) ने भारत के सालाना जीडीपी (Gross Domestic Product) की ग्रोथ अनुमान को घटाकर वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 7.2 प्रतिशत कर दिया है। इस ब्रोकरेज फर्म के अनुसार, कठिन आर्थिक परिस्थितियों और वैश्विक व्यापार में आई सुस्ती की वजह से दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हुई हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रोकरेज कंपनी ने ऐसे समय में भारत की जीडीपी ग्रोथ के अपने 7.6 प्रतिशत के पहले अनुमान में कटौती की है जब अप्रैल-जून 2022 की तिमाही में यह 4.2 प्रतिशत रहा है। संशोधित अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुमानों के अनुरूप है। अगले वर्ष के लिए मॉर्गन स्टैनली का अनुमान है कि सालाना जीडीपी ग्रोथ 6.4 प्रतिशत रहेगा।

दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने बढ़ती महंगाई पर नियंत्रण के लिए सख्त मौद्रिक नीति अख्तियार किया है, जिस कारण संभावित आर्थिक सुस्ती की संभावनाएं बढ़ गई हैं। RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) ने भी पिछले महीने रेपो रेट में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की थी।
भारत का सालाना उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर पिछले कुछ महीनों के दौरान कई वर्षों के उच्च स्तर पर रही जिसमें जून के दौरान थोड़ी नरमी आई और यह 7.01 प्रतिशत के स्तर पर आ गया। मॉर्गन स्टैनली ने अनुमान जताया है कि भारत में महंगाई दर में आने वाले समय में और नरमी आएगी।
रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में मॉर्गन स्टैनली की चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट उपासना चाचड़ा के हवाले से कहा है कि कमोडिटीज की कीमतों में आ रही नरमी और घरेलू खाद्य पदार्थों के घटते दामों की बदौलत हमें उम्मीद है कि निकट भविष्य में महंगाई दर भारत में घटेगी।
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